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उदयपुर में आज संस्कृत विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत एमओयू करते हुए।
उदयपुर में आज रात शाम को पहली बार संस्कृत विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू किया गया। इसके तहत प्राचीन पांडुलिपियों के संग्रहण का कार्य स्टूडेंट सीखेंगे, जानेंगे और समझेंगे। संस्कृत के इन स्टूडेंट का चयन भी कैंपस इंटरव्यू के जरिए किया गया
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केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास (स्किल डवलपमेंट) के कार्यक्रम की शुरूआत की गई। प्रतिवर्ष विद्यार्थियों के बीच होने वाले इस कौशल विकास कार्यक्रम के लिए मंगलवार शाम को उदयपुर के थर्ड स्पेस में एक अनुबंध (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए।
एमओयू पर धरोहर संस्थान के संस्थापक संजय सिंघल और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. श्रीनिवास वार्खेडी ने हस्ताक्षर किए। यह कार्यक्रम 42 दिन का होगा।
संजय सिंघल ने बताया कि इस इंटर्नशिप प्रोग्राम के जरिए विद्यार्थी प्राचीन पांडुलिपियों के संग्रहण का कार्य सीखेंगे। इसके जरिए अपने जीवन कौशल के भविष्य की तस्वीर यहां से तैयार होगी जो इस ज्ञान के जरिए उनके जीवन में बहुत काम आएगी।
उन्होंने बताया कि इस 42 दिवसीय इन्टर्नशिप कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की विभिन्न शाखाओं से 25 विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक योग्यता का समुचित प्रयोग करते हुए धरोहर द्वारा किए जा रहे प्राचीन पांडुलिपियों के संग्रहण का कार्य सीखेंगे।
इंटर्नशिप कार्यक्रम के दौरान दैनिक जीवन में उपयोगी कौशल को विकसित करने का भी अवसर प्राप्त करेंगे। सिंघल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य अगले 20 वर्षों में 25 लाख पाण्डुलिपियों की डिजिटल प्रतिलिपियां बनाना, पृष्ठों को सही क्रम में रखना और उनको सूचीबद्ध करना है।
एमओयू के दौरान मौजूद प्रमुख लोग।
इस दौरान थर्ड स्पेस के सभागार में राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो एस.एस सारंगदेवोत, शिक्षाविद् बीपी शर्मा सहित शहर के शिक्षाविद् और प्रमुख गणमान्य लोग उपस्थित थे।
सिंघल ने बताया कि सिक्योर मीटर्स का धरोहर संस्थान को सहयोग प्राप्त है। संस्था का उद्देश्य जीवन पर्यंत सीखने की इच्छा रखने वाले लोगों का एक समाज बनाने का है। संस्थान की टीम इस विश्वास पर काम करती है कि जब हम समाज के लिए कुछ करते हैं तो हम सीखते हैं और बढ़ते हैं। कोई क्या सीख सकता है उसके लिए उम्र कोई बाधा नहीं होती।
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