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कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले दौसा में 15 साल बाद एक बार फिर से पार्टी को संजीवनी मिली है। यहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मुरारीलाल मीणा ने भाजपा के कन्हैयालाल मीणा को करारी शिकस्त दी है। कांग्रेस उम्मीदवार ने 2,37,340 मतों के बड़े अंतर से भाजपा
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मंत्री किरोडीलाल ने चला था इस्तीफे का दाव
दौसा लोकसभा सीट पर साल 2009 में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी किरोडीलाल मीणा ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। बाद में राज्यसभा सांसद रहे व फिलहाल प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री भी हैं। ऐसे में उन्हें दौसा समेत 7 लोकसभा सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने प्रचार के दौरान महुवा में कार्यकर्ताओं से कहा था कि यदि दौसा से भाजपा नहीं जीती तो वे इस्तीफा दे देंगे। मंत्री मीणा ने इस बात को कई बार दोहराया, जिससे कांग्रेस के पक्ष में एसटी वोटर्स के ध्रुवीकरण को रोका जा सके। लेकिन मंत्री किरोडीलाल को अपने इस दाव में सफलता हासिल नहीं हुई।
प्रियंका ने सभा की, पायलट ने संभाली कमान
कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार कैंपेन में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने बांदीकुई में, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने गीजगढ़ में सभा की थी तो पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दौसा, महुवा, बांदीकुई, थानागाजी व चाकसू में सभा को सम्बोधित किया था। यहां कांग्रेस को जिताने के लिए सचिन पायलट ने पूरा दमखम लगाया था और इसमें उन्हें सफलता भी मिली। वहीं थानागाजी विधायक कांतिप्रसाद मीणा, बस्सी विधायक लक्ष्मण मीणा, पूर्व मंत्री ममता भूपेश, परसादीलाल मीणा, पूर्व विधायक जीआर खटाना, वेदप्रकाश सोलंकी, ओमप्रकाश हुड़ला व पूर्व जिला प्रमुख अजीतसिंह ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में कांग्रेस को जिताने की अपील की थी।
मुरारीलाल की पत्नी हार गई थी चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में मुरारीलाल मीणा की पत्नी सविता मीणा ने दौसा लोकसभा सीट से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव लडा था। इनके सामने भाजपा ने जसकौर मीणा को मैदान में उतारा था। उस दौरान रोचक मुकाबले में कांग्रेस की सविता मीणा को भाजपा की जसकौर मीणा ने 78 हजार वोटों से शिकस्त दी थी। जो कि प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर सबसे कम वोटों से कांग्रेस की हार थी। ऐसे में कांग्रेस को इस बार यहां से जीत की पूरी उम्मीद थी।
सबसे ज्यादा 12 बार कांग्रेस के सांसद चुने गए
दौसा लोकसभा सीट से 1952 में पहली बार कांग्रेस से राज बहादुर सांसद चुने गए थे। उनके बाद कांग्रेस के ही जीडी सोमनी एक बार, पंडित नवल किशोर शर्मा 3 बार, राजेश पायलट 5 बार, रमा पायलट व सचिन पायलट एक-एक बार सांसद रह चुके हैं। वहीं डॉ नाथूसिंह गुर्जर 1977 में पहली बार जनता पार्टी से तथा 1989 में दूसरी बार भाजपा से सांसद चुने गए। इनके बाद भाजपा से 2014 में हरीश मीणा व 2019 में जसकौर मीणा सांसद चुने गए। जबकि स्वतंत्र पार्टी से 1962 में पृथ्वीराज व 1967 में आरसी गणवत्रपत तथा 2009 में डॉ किरोडीलाल मीणा सांसद रहे हैं।
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