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राजस्थान में गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। सभी अपने-अपने दावे कर रहे हैं। मौसम विभाग की मानें चूरू में मंगलवार को इस सीजन का सबसे ज्यादा तापमान 50.5 रिकॉर्ड हुआ है। राजस्थान से लगते हुए भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर कुछ दिन पहले BSF की तापमापी ने 55 डिग
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इस बीच तापमान मापने का सही तरीका जानने दैनिक भास्कर की टीम जयपुर मौसम केंद्र पहुंची। यहां मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा से जाना कि आखिर देशभर में तापमान मापने का तरीका क्या है? आप भी पढ़िए आखिर पारा कैसे मापा जाता है…
![जयपुर मौसम केंद्र इस मशीन के जरिए तापमान मापता है। इसे स्टीवेंसन स्क्रीन कहा जाता है। इसका नाम आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक का नाम पर है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/28/untitled-7_1716898503.jpg)
जयपुर मौसम केंद्र इस मशीन के जरिए तापमान मापता है। इसे स्टीवेंसन स्क्रीन कहा जाता है। इसका नाम आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक का नाम पर है।
सवाल: राजस्थान में किस तरह तापमान की गणना होती है?
राधेश्याम शर्मा – मौसम विज्ञान केन्द्र में हमेशा वातावरण में मौजूद हवा का तापमान दर्ज होता है। इसके लिए जो थर्मामीटर (इक्विपमेंट) लगाते हैं, उसे लगाने और बनाने का स्टैंडर्ड अलग होता है।
जयपुर मौसम केंद्र में स्टीवेंसन स्क्रीन (तापमान मापने की मशीन) लगी हुई है। इसी की मदद से हम सटीक तापमान की गणना करते हैं। स्टीवेंसन स्क्रीन डिजाइन खास होती है। इसमें सीधे रोशनी (धूप) नहीं पहुंचती है।
इसके साथ ही इसकी ऊंचाई जमीन से भी 4 फीट तक रखी गई है। ताकि दोपहर में जमीन या फिर आसपास की कोई वस्तु तापमान की गणना को प्रभावित न कर सके।
लकड़ी की बनी हुई इस खास स्क्रीन में चार अलग-अलग थर्मामीटर रखे जाते हैं। इसमें ऊपर रूफटॉप पर डबल लेयर बनाई गई है।
जब दिन में सूरज की सीधी रोशनी इस मशीन पर पड़ेगी, तब इसका रूफटॉप गर्म होगा। लेकिन अंदरूनी मशीन और उसमें मौजूद थर्मामीटर पर सूरज की रोशनी का कोई असर नहीं होगा। उस पर हमेशा छाया रहेगी।
साथ ही हवा की आवाजाही लगातार जारी रहेगी। ऐसे में हवा के तापमान की ही गणना की जाती है, जिसे इंटरनेशनल पैरामीटर पर सही माना जाता है।
![तापमान मापने की मशीन स्टीवेंसन स्क्रीन में दिन का तापमान मापने का मीटर (ऊपर) और रात का तापमान मापने का मीटर (नीचे)।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/28/untitled-6_1716898251.jpg)
तापमान मापने की मशीन स्टीवेंसन स्क्रीन में दिन का तापमान मापने का मीटर (ऊपर) और रात का तापमान मापने का मीटर (नीचे)।
सवाल: चारों थर्मामीटर किस तरह काम करके तापमान मापते हैं?
राधेश्याम शर्मा – स्टीवेंसन स्क्रीन में कुल चार थर्मामीटर का कॉन्बिनेशन होता है। इसमें पहले ड्राई बल्ब, दूसरा वेट बल्ब, तीसरा अधिकतम और चौथा न्यूनतम थर्मामीटर शामिल है। इसमें न्यूनतम तापमान (रात का तापमान) मापने वाला थर्मामीटर मर्करी और एल्कोहल बेस्ड होता है।
- अधिकतम तापमान (दिन का तापमान) मापने वाला मीटर मर्करी बेस्ड होता है। इस कारण थर्मामीटर का मैकेनिज्म एक साइड मूवमेंट बेस ही होता है।
- तापमान दर्ज करने वाले दोनों थर्मामीटर में एक बार दिन का अधिकतम और न्यूनतम तापमान दर्ज होने के बाद लॉक हो जाते हैं। इसमें पारा वापस गिरता या बढ़ता नहीं है।
- इसके साथ ही ड्राई बल्ब थर्मामीटर रियल टाइम तापमान की गणना करता है।
- वेट बल्ब थर्मामीटर का इस्तेमाल नमी मापने के लिए किया जाता है। दोनों थर्मामीटर में पारे का इस्तेमाल किया जाता है।
इसे एक विशेष प्रकार के लकड़ी के बॉक्स में जमीन से 1.25 मीटर (4 फीट) ऊंचाई पर लगाया जाता है। जो लकड़ी का बॉक्स बनाया जाता है, वह जालीदार होता है। इसमें L शेप में लकड़ी की जाली लगाई जाती है। इससे थर्मामीटर पर हवा तो लगती है, लेकिन धूप नहीं पहुंच पाती है।
इसे ऊंचाई पर इसलिए बनाया जाता है, क्योंकि धरातल पर मौजूद मिट्टी, पत्थर या कोई अन्य वस्तु की गर्मी-ठंडी इस पर असर कर सकती है। कुछ चीजें धूप की थोड़ी सी किरण पड़ने पर जल्दी से गर्म हो जाती है। इसलिए मौसम विभाग द्वारा हवा को आधार मानकर विशेष उपकरण से मौसम की गणना की जाती है।
![मशीन में लगे चारों थर्मामीटर की समय-समय पर जांच होती है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/28/untitled-8_1716898626.jpg)
मशीन में लगे चारों थर्मामीटर की समय-समय पर जांच होती है।
सवाल: थर्मामीटर की समय-समय पर जांच होती है
राधेश्याम शर्मा – ऑफिस की वेधशालाओं में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड को ध्यान में रखते हुए थर्मामीटर की समय-समय पर जांच की जाती है। इसके साथ ही स्टीवेंसन स्क्रीन के मैन्युअल मेजरमेंट के लिए स्पेशल ऑब्जर्वर होते हैं। उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें टेक्निकल और अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड की जानकारी होती है।
इस आधार पर वह हर दिन तापमान की गणना करते हैं। ताकि किसी भी तरह की लापरवाही ना हो। इसके बावजूद अगर किसी थर्मामीटर में गलती हो रही है तो उसे वैज्ञानिकों के सुझाव के बाद जल्द से जल्द सही किया जाता है। लेकिन इसकी सम्भावना न के बराबर होती है।
सवाल : राजस्थान के बॉर्डर इलाकों में तापमान 55 डिग्री दिखाया जा रहा है। क्या हकीकत में राजस्थान में इतनी ज्यादा गर्मी पड़ रही है?
राधेश्याम शर्मा – मौसम विभाग द्वारा तापमान के जो आंकड़े जारी किए जाते हैं, वह हवा का तापमान होता है। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए जमीन से चार फीट ऊपर का होता है। इसके बावजूद कुछ लोग अलग-अलग तरीके से तापमान की गणना करते हैं। वह सही नहीं है। क्योंकि काफी लोग जमीन (धरातल) का तापमान काउंट कर उसे ही हकीकत मान लेते हैं, जो पूरी तरह गलत है।
हर धरातल का तापमान अलग-अलग होता है। जैसे कहीं लोहे की सतह है। उसका तापमान ज्यादा होगा। क्योंकि हवा के मुकाबले लोहा जल्द और ज्यादा गर्म होगा। इसी तरह मिट्टी भी दोपहर में काफी ज्यादा गर्म हो जाती है। जो सामान्य तौर पर हवा से ज्यादा गर्म होगी। पथरीले इलाकों में पत्थरों पर भी तापमान ज्यादा आता है। वहां भी पत्थरों को आधार मानकर तापमान की गणना की जाती है। हकीकत में तापमान की गणना का यह तरीका ठीक नहीं है। क्योंकि तापमान की गणना हवा को आधार मानकर जमीन से चार फीट ऊपर होनी चाहिए।
![यह फोटो 26 मई को बीएसएफ की ओर से जारी की गई थी। इसमें तापमान 55.5 डिग्री दिखाया गया था।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/28/untitled-9_1716899231.jpg)
यह फोटो 26 मई को बीएसएफ की ओर से जारी की गई थी। इसमें तापमान 55.5 डिग्री दिखाया गया था।
सवाल – तापमान की गणना को लेकर जनता काफी कन्फ्यूज हो गई है। आखिर किसे सही और सटीक तापमान माना जाए?
राधेश्याम शर्मा – मौसम विभाग की ओर से जो भी तापमान के आंकड़े जारी किए जाते हैं, वह सटीक होते हैं। क्योंकि मौसम विभाग इंटरनेशनल गाइडलाइन के आधार पर ही तापमान की गणना करता है। इसमें गलती होने की गुंजाइश न के बराबर होती है। हमारे जो ऑब्जर्वर हैं, उन्हें तापमान की गणना के लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई है।
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/28/_1716901391.jpg)
कौन थे स्टीवेंसन?
स्टीवेंसन एक स्कॉटिश सिविल इंजीनियर थे, जिन्होंने प्रकाश घरों को डिज़ाइन किया। बाद में स्टीवेंसन स्क्रीन को बनाया। इसका उपयोग अब विश्व स्तर पर अधिकतम और न्यूनतम तापमान और आर्द्रता (नमी) को मापने के लिए किया जाता है। उनके द्वारा डिज़ाइन की गई स्टीवेंसन स्क्रीन एक लकड़ी के बक्से का घेरा है।
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![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/29/cover-021716910316_1716943318.gif)
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर यूं तो आतंकवादियों और घुसपैठ का खतरा रहता है, लेकिन इस बार जवानों की जंग उस दुश्मन से है जो दिखाई नहीं देता। ये दुश्मन है पाकिस्तान से आ रही गर्म हवा, जिससे बाड़मेर-जैसलमेर के बॉर्डर इलाकों में आग बरस रही है। (पढ़ें पूरी खबर)
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