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करीब 8 साल पहले भोपाल सेंट्रल जेल से 30-31 अक्टूबर की दरमियानी रात सिमी के 8 आतंकी भाग निकले थे। उस दिन दीपावली थी। इस बार भी दीपावली 31 अक्टूबर को ही पड़ रही है।
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देर रात तक चलने वाले पटाखों की आवाज की आड़ में कोई कैदी भाग न निकले, इसलिए इस बार प्रदेश की सभी जेलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी हुए हैं। धनतेरस, दीपावली और भाईदूज को लेकर 28 अक्टूबर से 4 नवंबर तक जेल के सभी अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। स्पेशल डीजी जेल ने सभी जेल अधीक्षकों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
ये हैं निर्देश… आकस्मिक निरीक्षण करें, सघन तलाशी अभियान चलाएं
स्पेशल डीजी जीपी सिंह ने निर्देश दिए हैं कि कि रात में जेलों में जिम्मेदार अधिकारी खुद उपस्थित रहें और ड्यूटी पर तैनात सभी प्रहरियों को सजग रखा जाए। यदि जेल में कोई अप्रिय हालात बनते हैं तो इसके लिए जेल अधीक्षक खुद जिम्मेदार होंगे। जेल अधीक्षक और उप जेल अधीक्षक अपनी जेलों का आकस्मिक निरीक्षण करें। इस दौरान किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अवकाश न दिया जाए।
इस अवधि में सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने मुख्यालय में उपस्थित रहें ताकि किसी भी आपात स्थिति में फौरन कार्रवाई की जा सके। साथ ही कंट्रोल रूम जेल मुख्यालय को समय-समय पर खैरियत की सूचना देते रहें। ये तीनों त्योहार 29 अक्टूबर, 31 अक्टूबर और 3 नवंबर को पड़ रहे हैं। बंदी मुलाकात के दौरान किसी भी परिस्थिति में कोई प्रतिबंधित सामग्री बंदियों तक न पहुंचे, इसका ख्याल रखें। ऐसा न हो, इसलिए जेलों में सघन तलाशी अभियान चलाएं।
सतर्कता इसलिए – अफसरों का मानना है कि दीपावली पर देर रात तक पटाखों की आवाज आती है। इन धमाकों की आवाज की आड़ में जेल ब्रेक करने से जुड़े उपाय करने में बंदियों को आसानी हो सकती है। भोपाल में 8 साल पहले ऐसा हो भी चुका है। इसलिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
मप्र की सबसे सुरक्षित जेल
- भोपाल सेंट्रल जेल प्रदेश की सबसे अच्छी जेल मानी जाती है। सफाई और खुलेपन को लेकर आईएसओ सर्टिफिकेट भी मिल चुका है।
- रोज दो बार कैदियों की गिनती होती है। सुबह, जब कैदियों को सेल से निकाला जाता है और रात में, जब वो सेल में लौटते हैं।
- विचाराधीन बंदी और सजायाफ्ता कैदियों को अलग-अलग रखने का प्रावधान है।
चादर से बनाई थी रस्सी भोपाल सेंट्रल जेल से 30-31 अक्टूबर की दरमियानी रात आठ आतंकी 25 फीट ऊंची दीवार फांदकर फरार हुए थे। दीवार पर चढ़ने के लिए उन्होंने जेल में ओढ़ने के लिए मिली चादर का इस्तेमाल किया था। उन्होंने एक जेल प्रहरी की हत्या भी की थी। हालांकि बाद में पुलिस ने उनका एनकाउंटर कर दिया था।
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