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ग्रेटर नगर निगम में एक आदेश को लेकर 29 समितियों के चेयरमैन-पार्षद और आयुक्त आईएएस रुक्मणी रियाड़ आमने-सामने हो गए हैं। गत सप्ताह रियाड़ ने आदेश निकाला था कि ग्रेटर नगर निगम जयपुर में गठित समितियों के सचिव/सदस्य बैठक की सूचना और एजेंडा आयुक्त से अनुमोदि
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उनका कहना है कि समिति की ओर से लिए गए किसी भी प्रस्ताव के एजेंडे का अनुमोदन तो आयुक्त कर सकते हैं, लेकिन समिति की बैठक में पारित प्रस्तावों के कार्यवाही विवरण जारी करने से पूर्व अनुमोदन नहीं कर सकते। अनुमोदन के नियमों में आयुक्त को अधिकृत नहीं किया गया है। यदि समिति के प्रस्तावों में कोई प्रस्ताव नियम विरुद्ध है तो समिति सचिव अपनी टिप्पणी के साथ आयुक्त या राज्य सरकार को भेज सकते हैं। किसी भी निर्णय अथवा प्रस्ताव को पास करने की ताकत आयुक्त के पास नहीं है। यह ताकत नगर निगम की साधारण सभा और कार्यकारिणी समिति को ही है। सभी समिति चेयरमैन इस आदेश के खिलाफ हैं, लेकिन निगम का बोर्ड और राज्य सरकार दोनों ही भाजपा के होने के कारण खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। उधर, रियाड़ ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह आदेश प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत निकाले हैं। बता दें कि इससे पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान भी अधिकारियों की मनमानी को लेकर शहरी सरकार के जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया था।
चेयरमैन ने कहा- आदेश अधिकारों का हनन, समितियां जन मुद्दों पर निर्णय लेती हैं
सदस्य के अधिकारों पर अंकुश लगा तो बात करेंगे
“अगर किसी भी तरह से समिति अध्यक्ष और सदस्य के अधिकारों पर अंकुश लगता है तो कमिश्नर से बात करेंगे।”
-शील धाबाई, वित्त समिति, ग्रेटर निगम
“राज्य सरकार द्वारा दिए गए आदेश का पालन करना हम सभी जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य है, लेकिन नगर निगम में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार समिति अध्यक्षों के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।”
-रश्मि सैनी, विद्युत समिति-ए, ग्रेटर निगम
“जनता के चुने हुए पार्षद, चेयरमैन के रूप में सिर्फ जनता के मुद्दों पर चर्चा कर निर्णय करते हैं। उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है, जो गलत है।”
-डाॅ. मीनाक्षी शर्मा, महिला एवं बाल विकास समिति
“यह पत्र मुझे प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र मिलने पर कानूनी पहलू पर विश्लेषण कर संगठन को अवगत कराया जाएगा।”
-जितेंद्र श्रीमाली, भवन निर्माण समिति, ग्रेटर निगम
“ऐसा नहीं है, राजस्थान नगर पालिका नियम-2009 के अंतर्गत जिन समितियों को राज्य सरकार ने जो शक्तियां दी हुई हैं, उनके अनुसार ही समिति द्वारा कार्य किया जा रहा है। राज्यादेशों की पालना पहले भी की जा रही थी, आगे भी की जाती रहेगी।”
-डाॅ. सौम्या गुर्जर, महापौर, ग्रेटर निगम
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