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मधु जैन, बाल विवाह निषेध अधिकारी ।
नूंह जिले के एक गांव में दो नाबालिग लड़कियों कि होने वाली शादी को बाल विकास विभाग टीम द्वारा रुकवाने का मामला सामने आया है।
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परिजनों ने विभागीय टीम को आश्वस्त किया है कि बालिग होने पर ही अब लड़कियों शादी करेंगे। वहीं बाल विवाह निषेध की टीम द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
जिला बाल विवाह निषेध परिजनों को समझाया
जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी मधु जैन ने बताया कि मंगलवार को सूचना मिली कि सूडाका गांव में आगामी 26 जून को दो नाबालिग लड़कियों की शादी होने जा रही है। इसके संबंध में परिवार सदस्य सभी प्रकार की तैयारी में जुटे हुए हैं। सूचना मिलने पर विभागीय टीम मौके पर पहुंची। जहां दोनों के दस्तावेजों की जांच करने पर नाबालिग होने की पुष्टि हुई।
जिनकी राजस्थान के एक गांव से बारात आनी थी। लेकिन परिजनों को बताया कि बाल विवाह करना कानूनी अपराध है। टीम द्वारा समझाने के बाद लड़की के परिजनों ने लिखित आश्वासन देकर कहा कि बालिग होने पर ही बेटियों की शादी करेंगे।
बाल विवाह की लगातार मिल रही शिकायत
जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी के मुताबिक नाबालिग विवाह से संबंधित इन दिनों शिकायत मिल रही है। शिकायतों के आधार पर ही विभागीय टीम मौके पर पहुंच नाबालिग विवाह को रोकने में कामयाब हो जाती है। कुछ दिन पहले भी मेहरोला गांव के एक नाबालिग युवक की शादी की जानी थी।
सूचना मिलने पर बाल विकास विभाग टीम ने मौके पर पहुंच परिजनों को समझाया गया तो वह मान गए। उन्होंने कहा कि नाबालिगों का विवाह करने से क्षेत्रवासी बचे। यह कानूनी अपराध है। बाल विवाह को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है।
मौलवी और पंडितों को किया जाएगा जागरूक
सुरेंद्र सिंह ने बताया की एमडीडी ऑफ इंडिया (शक्ति वाहिनी) की टीम लगातार बाल विवाह को लेकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। उन्होंने कहा की अब निकाह पढ़ाने वाले मौलवी, ओर फेरे डालने वाले पंडित , टेंट, ढोल वालों को बाल विवाह के बारे में जागरूक किया जाएगा। ताकि बाल विवाह पर रोक लगाई जा सके।
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