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बूंदी की जमीन पर बनेगा एयरपोर्ट, लेकिन एमआयू में नहीं आया बूंदी का नाम।
बूंदी की जमीन पर बनने वाले ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के एमओयू में बूंदी का नाम नहीं होने से जिले के लोगों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि जब जिले की सीमा के अंदर और जमीन पर एयरपोर्ट बन रहा है तो इसके एमओयू में बूंदी का नाम होना चाहिए। बूंदी अपनी प्राच
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सामाजिक कार्यकर्ता पुरुषोत्तम पारीक ने ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के एमओयू में बूंदी का नाम नहीं होने पर रोष प्रकट किया है। वहीं, एयरपोर्ट के साथ बूंदी का नाम जोड़ने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी व सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर नाम जोड़ने की मांग की है। पारीक ने पत्र मे बताया कि छोटी काशी बूंदी की 440.86 हेक्टर जमीन पर ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने एमओयू किया लेकिन छोटी काशी बूंदी के ऐतिहासिक महत्व सांस्कृतिक विरासत को नजर अंदाज करते हुए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के एमओयू में बूंदी का कहीं भी नाम नहीं है। इस उपेक्षा को लेकर बूंदी जिले के लोगों में रोष व्याप्त है। बूंदी पर्यटन और पुरातत्व व ऐतिहासिक महत्व रखती है। यहां की चित्र शैली विश्व विख्यात है। यहां के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान मे रखते हुए एयरपोर्ट के साथ बूंदी का नाम जोड़ा जाना चाहिए ताकि जिले की पहचान मजबूत हो सके।
बूंदी में हो वंदे भारत ट्रेन का ठहराव
पारीक ने बताया कि छोटी काशी बूंदी बहुत सी दुर्लभ पहचान रखने के बावजूद उपेक्षा का शिकार है। इससे बड़ी विडंबना क्या होगी, जिसमें वंदे भारत ट्रेन बूंदी से होकर गुजरेगी, लेकिन उस ट्रेन का ठहराव बूंदी रेलवे स्टेशन पर नहीं है। इससे जिले के लोगों में मायूसी है।
उन्होंने कहा कि रियासत काल में बूंदी से ही कोटा का जन्म हुआ है। बूंदी की ऐतिहासिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत तथा विश्व प्रसिद्ध चित्र शैली के साथ पर्यटन की दृष्टि को देखते हुए ट्रेन का ठहराव होना चाहिए। पारीक ने कोटा-बूंदी सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी इस स्थिति से अवगत करवाया है।
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