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चंडीगढ़ में स्मार्ट पार्किंग के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल 15 जुलाई तक।
चंडीगढ़ में स्मार्ट पार्किंग परियोजना पर अब काम तेजी से किया जा रहा है। नगर निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ नगर निगम स्मार्ट पार्किंग योजना के लिए 15 जुलाई तक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी कर देगा। इसके लिए नगर निगम के अधिकारियों
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रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल के बाद अगस्त-सितंबर तक इस परियोजना के लिए टेंडर निकाला जाएगा। बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ की सभी पार्किंग को स्मार्ट बनाने में पहले साल ठेकेदार को करीब 20 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इसलिए यह टेंडर 10 से 15 साल की अवधि के लिए दिया जाएगा। ठेकेदार से भुगतान जुर्माना और दूसरी सभी शर्त तय कर ली गई हैं। उन्हें रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल के जरिए प्रकाशित कर दिया जाएगा।
पिछली बार कंपनी ने निगम को लगाया था चूना
अभी यह सभी पार्किंग नगर निगम द्वारा संचालित की जा रही है। क्योंकि पीछे करीब 1 साल पहले जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, उस कंपनी ने चंडीगढ़ नगर निगम को चूना लगाया था। उन्होंने नगर निगम को पार्किंग ठेके की लाइसेंस फीस के 7 करोड रुपए अदा नहीं किए थे। इसकी वसूली के लिए जब नगर निगम ने कंपनी की बैंक गारंटी की जांच की, तो वह भी जाली निकली। जांच के दौरान सामने आया कि कंपनी का नाम केवल कागजों में इस्तेमाल हो रहा था। जबकि शहर की पेड पार्किंग चलाने का काम दिल्ली का बिजनेसमैन अनिल कुमार शर्मा कर रहा था। वही इस घोटाले का मास्टरमाइंड था। बाद में इस कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
पार्किंग को लेकर चंडीगढ़ में हुआ था विवाद
चंडीगढ़ नगर निगम की तरफ से 25 जुलाई 2023 की बैठक के दौरान पार्किंग को लेकर एक प्रस्ताव पास किया था। इस प्रस्ताव में चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में रजिस्टर्ड गाड़ियों के लिए अलग रेट तय किए गए थे। जबकि ट्राईसिटी यानी इन तीनों शहर से बाहर आने वाली गाड़ियों के लिए डबल रेट रखा गया था। इसको लेकर काफी राजनीतिक विवाद हुआ था। पंजाब और हरियाणा की तरफ से नगर निगम के इस प्रस्ताव का विरोध किया गया था। दोनों प्रदेशों के नेताओं की तरफ से चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को इस मामले में ज्ञापन दिया गया था। इसके बाद बनवारी लाल पुरोहित ने इस प्रस्ताव पास नहीं किया।
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