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पीएचई घोटाले के आरोपी विनोद कुमार छारी और जागेश श्रीवास्तव की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। दोनों आरोपियों ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान का हवाला देते हुए कार्रवाई से पूर्व शासन से अनुमति नहीं लेने का तर्क देते हुए एफआईआर निरस्त क
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दरअसल, पीएचई विभाग में करोड़ों रुपए फर्जी तरीके से अपात्र लोगों के खाते में ट्रांसफर किए गए। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने हीरालाल और राहुल आर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। बाद में पीएचई के अधिकारी संजय सोलंकी, रिटायर अधिकारी आरएन करहैया को भी गिरफ्तार किया गया।
अब तक की पुलिस जांच में घोटाले की राशि 80 करोड़ को पार कर चुकी है। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट अजय निरंकारी ने बताया कि उपेंद्र छारी के कार्यकाल के दौरान 94 लाख रुपए और जागेश श्रीवास्तव के कार्यकाल के दौरान 2.40 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इस मामले में पुलिस ने 4 अगस्त 2023 को चालान प्रस्तुत किया।
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