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उकलाना से भाजपा प्रत्याशी अनूप धानक और हांसी से प्रत्याशी विनोद भयाणा का विरोध करते ग्रामीण।
हरियाणा के हिसार जिले की उकलाना और हांसी विधानसभा में BJP प्रत्याशियों का जमकर विरोध हो रहा है। कल उकलाना के कंडूल और प्रभुवाला गांव में अनूप धानक को गुस्साए ग्रामीणों ने घेर लिया। अनूप धानक पिछले 10 साल से उकलाना के विधायक हैं ऐसे में लोग पिछले 10 स
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गांव कंडूल में ग्रामीणों ने अनूप धानक के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 10 सालों तक वे हलके के विधायक रहे हैं। एक बार भी उनका हालचाल जानने नहीं आए। आज ग्रामीणों की याद कैसे आ गई। कंडूल गांव के ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव में 10 वर्षों में 50 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है।
किसी के यहां शोक जताने तक आप नहीं आए। प्रभुवाला गांव के ग्रामीणों ने कहा कि जब मंत्री बने हुए थे तो हमारे शरीर में से बदबू आती थी। अगर खुशी में मिठाई देने जाते तो वह भी खाने की बजाय दीवार रख देते थे। ग्रामीणों को बढ़ता गुस्सा देख अनूप धानक वहां से निकल गए मगर ग्रामीणों का विरोध उनको लगभग हर गांव में झेलना पड़ रहा है। इससे पहले भी उनका गांवों में विरोध हो रहा था।
हांसी के विधायक विनोद भयाणा से सवाल जवाब करते ग्रामीण।
हांसी भाजपा प्रत्याशी बोले-वोट मत देना मगर बहस मत करो वहीं हांसी के गांव घिराय में किसानों ने विनोद भयाणा के कार्यक्रम में हंगामा करते हुए पूछा कि किसान आंदोलन में आपकी सरकार ने शुभकरण को गोली क्यों मरवाई। हांसी में डीपी वत्स और बृजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाला था। आपकी सरकार किसान विरोधी है जो कृषि यंत्रों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। विधायक बोले-इस बात का विरोध करना है तो वोट मत देना मगर बहसबाजी मत करो।
अनूप धानक का इसलिए सबसे ज्यादा विरोध
अनूप धानक उकलाना में 10 साल से विधायक हैं और अलग-अलग पार्टियों से हर बार विधायक रहे। अब चुनाव से ऐन मौके पाला बदल भाजपा में आ गए। उकलाना से टिकट मिल गया मगर क्षेत्र में लगातार गायब रहने का आरोप अब ग्रामीण लगा रहे हैं और 10 साल का हिसाब किताब मांग रहे हैं। ग्रामीण 10 साल में उनके साथ हुए व्यवहार की भी याद दिला रहे हैं। शुक्रवार को उकलाना के गांव किनाला में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी अनूप धानक के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। जैसे ही धानक प्रचार अभियान के तहत गांव पहुंचे, ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया और अनूप धानक मुर्दाबाद के नारे लगाए।
गांव कंडूल में ग्रामीणों और अनूप समर्थकों के बीच बहस को शांत करवाते अनूप धानक।
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