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कंपू थाना में डॉक्टरों पर मामला दर्ज कराने की मांग करते मरीज के परिजन
ग्वालियर में जयारोग्य अस्पताल समूह के हजार बिस्तर के अस्पताल में रविवार रात को एक बार फिर मरीज और उसके परिजन से मारपीट की गई है। मरीज का आरोप है कि जूनियर डॉक्टरों ने उन पर जमकर लात घूसे बरसाए और बेरहमी से मारपीट की है। डॉक्टरों ने मारपीट के दौरान पर
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उधर डॉक्टर का कहना है कि उनके साथ मरीज के साथ आए लोगों ने मारपीट की है। हमलावरों ने एक डॉक्टर का सिफ फाड़ दिया। मारपीट के बाद दोनों ही पक्ष कंपू थाने पहुंच गए और एक दूसरे पर आरोप लगाए। रात 11 बजे तक मामले में FIR दर्ज नहीं हो सकी थी। पुलिस दोनों पक्षों पर एक्शन ले रही है।
कंपू थाना परिसर में डॉक्टर व मरीज के परिजन मामला दर्ज कराने पहुंचे
भिंड के बरोह थाना क्षेत्र के अमृतपुरा निवासी उमेश सिंह बीमारी के चलते पिछले तीन दिन से हजार बिस्तर अस्पताल में इलाज करा रहे थे। उन्होंने बताया कि उपचार के दौरान उसके स्वास्थ्य में सुधार हुआ तो उसे तृतीय तल पर स्थित सामान्य वार्ड में शिफ्ट करने के लिए चिकित्सकों ने रविवार को कहा। इस पर परिजन उमेश को रविवार की शाम करीब 5 बजे सामान्य वार्ड में लेकर पहुंचे। उमेश के परिजन का आरोप है कि वार्ड में जगह नहीं थी और उमेश को बेचैनी हो रही थी। ऐसे में उमेश वहीं डॉक्टर ड्यूटी रूम में लेट गया। यह देख जूनियर डॉक्टर नाराज हुए और उन्होंने अभद्रता करते हुए उमेश को बाहर निकाल दिया। जब उमेश और उसके परिजन ने विरोध किया तो जूनियर डॉक्टरों ने उनसे मारपीट शुरू कर दी।
डॉक्टरों ने महिलाओं के साथ भी की मारपीट
पीड़ित उमेश का कहना है कि डॉक्टरों का विरोध करने पर जूडा (जूनियर डॉक्टर) उसे जमकर पीटने लगे तो उसके मौसा, जो कि आर्मी में सुबेदार से रिटायर्ड है, वह बचाने आए तो उनके साथ भी मारपीट की। महिलाएं बचाने आई तो उनके साथ भी मारपीट कर दी। जूनियर डॉक्टरों ने किसी को नहीं छोड़ा, जो मिला उसे पीटते चले गए। वह रहम भी नहीं खा रहे थे। उनकी एक आवाज पर आधा सैकड़ा डॉक्टर एकत्रित हो गए थे।
जूनियर डॉक्टरों का आरोप
जबकि जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब उमेश को ड्यूटी रूम से बाहर निकलने के लिए कहा तो परिजन ने मारपीट कर दी। इस दौरान जूनियर चिकित्सक डॉ. प्रशांत के सिर में और डॉ. मनोज व डॉ. देवांजीत दास को चोटे भी आईं। मारपीट की घटना से गुस्साए जूनियर डॉक्टर्स काम बंद कर कम्पू थाना पहुंच गए। दोनों पक्ष देर रात तक एक-दूसरे पक्ष पर प्राथमिकी दर्ज कराने पर अड़े रहे।
जिला अस्पताल में नवजात की मौत के बाद हंगामा
रविवार को ग्वालियर के मुरार स्थित जिला अस्पताल में भी हंगामा हुआ है। बेहटा निवासी 26 वर्षीय रीना को परिजन ने प्रसव के लिए मुरार जच्चा खाने में 19 जुलाई की सुबह 10.30 बजे भर्ती किया था। भर्ती के दौरान चिकित्सक ने महिला में खून की कमी बताई और 20 जुलाई दोपहर करीब 1 बजे खून की बोतल लगाकर वार्ड में ही भर्ती रखा। लेकिन खून चढने के बाद से ही महिला को प्रसव पीड़ा उठना शुरू हो गई। महिला वार्ड में दर्द से पूरी रात दड़पती रही और परिजन स्टाफ से महिला को देखने की गुहार लगाते रहे। उसके बाद भी महिला को देखने न तो कोई डॉक्टर्स पहुंचा और न ही स्टाफ।
इतना ही नहीं रविवार की सुबह करीब 4 बजे महिला वार्ड में पलंग पर ही बच्चे का सिर बाहर निकलने लगा। यह देख परिजन दौड़ते हुए स्टाफ के पास पहुंचे और देखने के लिए कहा। उसके बाद भी स्टाफ ने महिला को देखने नहीं पहुंचे और व्हील चैयर पर महिला को लेबर रूम में लाने के लिए गया। लेबर रूम ले जाते समय नवजात का सिर दव गया और उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद परिजन ने हंगामा मचाया है।
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