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–उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में 165 सहायक वैज्ञानिक संविदा पर रखने की मंजूरी दी
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। देशभर में नए कानून को लागू किया जा चुका है। इसमें अपराध को साबित करने में एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसे मजबूती देने के लिए गृह विभाग की सिफारिश पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 165 सहायक वैज्ञानिकों को संविदा पर रखने की मंजूरी दे दी है।
राजनिवास सूत्रों ने बताया कि हाल ही में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नए कानून को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा दिल्ली पुलिस एवं गृह विभाग के साथ की थी। इसमें यह बात सामने आई थी कि एफएसएल को मजबूत बनाना होगा, ताकि जांच में तेजी आए और अपराधियों को सजा दिलाने में मदद मिले। नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में वैज्ञानिक जांच को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इसकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उपराज्यपाल ने 165 सहायक वैज्ञानिकों को संविदा पर रखने की मंजूरी दी है। इन सहायक वैज्ञानिकों को वारदात स्थल पर भेजा जाएगा।
उपराज्यपाल ने एफएसएल को निर्देश दिया है कि वह उनके यहां खाली पदों की सूची को तुरंत तैयार करें, ताकि भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए। उन्होंने भर्ती एवं उपकरण खरीद के लिए एक तारीख भी निश्चित करने के लिए कहा है, ताकि यह कार्य समय पर पूरा किया जा सके।
421 नए पद का होगा सृजन
राजनिवास के अनुसार एफएसएल को मजबूत बनाने के लिए वहां 421 नए पद बनाए जा रहे हैं। यह पद पहले से मौजूद 346 पदों से पूरी तरह अलग होंगे। इन पदों पर भर्ती होने वाले वैज्ञानिक एफएसएल की विभिन यूनिटों में काम करेंगे। इनमें 57 केमिकल साइंस, 60 बॉयोलॉजिकल साइंस, 81 साइबर फोरेंसिक, 42 फिजिकल साइंस, 54 डॉक्यूमेंट सपोर्ट और 52 क्वालिटी कंट्रोल का काम संभालेंगे।
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