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शब्द 345
अमेरिकी राजदूत ने नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच मजबूत साझेदारी की वकालत की
एक कार्यक्रम में कहा, एक-दूसरे से जुड़ी दुनिया में अब कोई भी देश युद्ध से दूर नहीं है
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारत में तैनात अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का कहना है कि भारत और अमेरिका एक-दूसरे के भरोसे के मित्र और जरूरत के सहयोगी हैं। उन्होंने नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच मजबूत साझेदारी की वकालत की।
यहां बुधवार की रात्रि एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मीडिया से कहा, ‘मैं जानता हूं कि भारत को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता पसंद है। मैं इसका सम्मान करता हूं लेकिन संघर्ष के समय में रणनीतिक स्वायत्तता जैसी कोई चीज नही होती है। उन्होंने कहा कि संकट के क्षणों में हमें एक-दूसरे को जानने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि इसकी परवाह नही होगी कि हम इसे क्या नाम देते हैं। लेकिन हमें यह जानना होगा कि हम भरोसेमंद दोस्त, भाई-बहन और जरूरत के समय के सहयोगी हैं। राजदूत के इस बयान को हाल के दिनों में अमेरिका के साथ संबंधों में आए ठंडेपन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के मद्देनज़र बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अपने वक्तव्य में गार्सेटी ने दुनिया में चल रहे कई संघर्षों की पृष्ठभूमि में कहा कि एक-दूसरे से जुड़ी दुनिया में अब कोई भी देश युद्ध से दूर नहीं है। किसी को न केवल शांति स्थापना के पक्ष में खड़ा होना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी ठोस कार्रवाई करनी चाहिए कि जो लोग शांतिपूर्ण नियमों का पालन नहीं करते, उनकी युद्धक मशीनें बिना रोक-टोक जारी न रह सकें।
गार्सेटी ने भारत-अमेरिका संबंधों को गहरा, प्राचीन और व्यापक बताया। उन्होंने कहा कि हम अपना भविष्य सिर्फ भारत में नहीं देखते और भारत अपना भविष्य केवल अमेरिका में नहीं देखता, बल्कि दुनिया हमारे संबंधों में महान चीजें देख सकती है। गार्सेटी ने कहा कि हमारे दिमाग और दिल एक-दूसरे से जुड़े हैं लेकिन, सवाल यह है कि क्या दोनों देश एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं और ऐसे नतीजे प्राप्त कर सकते हैं जो इस समय के सुरक्षा खतरों से निपट सकें।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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