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बस में सवार यात्री का सफर पूरा होने से पहले उसके जिंदगी के सफर का अंत हो गया। मानपुर के ग्राम खिचखिड़ी निवासी गुलाब केवट पिता जगनाथ केवट (60) रविवार सुबह रीवा से जयसिंहनगर तक का टिकट लिया था।
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बुजुर्ग के बगल की दोनों सीटें खाली थी। रीवा से बस सुबह 5 बजे रवाना हुई। जब बस सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर बाणसागर के पास पहुंची तो कुछ यात्री वहां से चढ़े तो बस का कंडेक्टर शैलेन्द्र त्रिपाठी उस बुजुर्ग यात्री के जगाया ताकि उन्हें खिसकाकर दूसरे यात्री को वहां बैठा सके। लेकिन तब तक बुजुर्ग यात्री के प्राण निकल चुके थे।
इसके बाद कंडक्टर ने तत्काल ही उसे बांणसागर थाने में इसकी जानकारी दी। जहां डॉक्टर नहीं होने की बात कहते हुए ब्यौहारी जाने की सलाह दी गई। इसके बाद सुबह 7 बजकर 25 मिनट पर बस ब्योहारी पहुंची। जहां अस्पताल ले जाने पर इस बात की पुष्टि डॉक्टर ने कर दी गई कि उक्त बुजुर्ग यात्री की मौत हो चुकी है।
पुलिस ने थाने में बस को खड़ा करा लिया गया। कंडक्टर ने ब्यौहारी थाने मे घटना की जानकारी दी। उसने यह भी बताया कि बस में यात्री सवार है, जिन्हे गंतव्य तक पहुंचना है, इसलिए शव को अस्पताल मे रखवा दीजिए। बस को जाने दीजिए। लेकिन पुलिस ने कंडक्टर की एक बात नहीं सुनी और बस को वहीं खड़ा करा लिया।
यात्री थाना में होते रहे परेशान
बस में सवार अन्य यात्री परेशान होते रहे। इस बीच देरी होने के कारण बस का उक्त रुट का नंबर समाप्त हो गया। इसके बाद यात्रियों ने वैकल्पिक व्यस्था से आगे की यात्रा की।
ब्यौहारी थाना प्रभारी अरुण पांडे ने बताया कि कार्रवाई में कुछ समय लगा है। उस दौरान बस के यात्री दूसरी बस से रवाना हो गए होंगे। बस को हमने रोका नहीं था। कंडक्टर से पूछकर कुछ कागजी कार्रवाई की गई थी।
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