पूर्व आईपीएस व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर के निर्देश पर हर जिले में दिया गया ज्ञापन।

सोनभद्र। आजाद अधिकार सेना द्वारा उत्तर प्रदेश में हिरासत में मौत के मामले में प्रभावी विधिक कार्रवाई करने के संबंध में जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर यह प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया हम सभी इस बात से पूरी तरह अवगत है कि पिछले कुछ महीनो में उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों में पुलिस हिरासत में कई मौतें हुई हैं.
आंकड़ों के हिसाब से वर्ष 2018-19 में 12 लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई. 2019.20 में 3 लोगों की मौत हुई 2020. 21 में 8 लोगों की मौत हुई, 2021. 22 में 8 लोगों की मौत हुई, 2022. 23 में 10 लोगों की मौत हुई और 2024 में यह संख्या काफी बढ़ गई है। इसमें लखनऊ में मोहित पांडे, आजमगढ़ में सनी कुमार, बस्ती में आदर्श उपाध्याय, संभल में इरफान, लखनऊ के अमन गौतम, लखीमपुर खीरी में रामचंद्र तथा आगरा में राजू गुप्ता और केदार सिंह शामिल हैं. इनमें ज्यादातर लोग पिछड़े और कमजोर वर्गों से आते हैं, जिन्हें किसी ताकतवर व्यक्ति के कहने पर थाने पर लाया गया और पिटाई में उनकी मौत हुई.सबसे गंभीर बात यह है कि प्रदेश सरकार और यूपी पुलिस ने इन सभी मामलों को रफा दफा करने का पूरा प्रयास किया और इनमें लगभग किसी भी मामले में समुचित विधिक कार्रवाई नहीं की गई है।आजाद अधिकार सेना इस संबंध में इस प्रत्यावेदन के माध्यम से आपसे उत्तर प्रदेश सरकार को पिछले 6 माह में उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों में हुए पुलिस हिरासत की मौत के संबंध में समुचित कार्यवाही करने तथा कृत कार्रवाई के संबंध में श्वेत पत्र निर्गत करने के निर्देश देने के प्रार्थना करता है। हमें पूर्ण विश्वास है कि प्रशासनिक पारदर्शिता तथा उत्तरदायित्व से जुड़े इस अत्यंत गंभीर प्रकरण में आपके स्तर से अत्यंत शीघ्रता के साथ कार्रवाई की जाएगी।इस मौके पर जिलाध्यक्ष शोभित सिंह,मीडिया प्रभारी सुनील कुमार,जिला सचिव लककुश कुमार,डॉ बी नाथ मौजूद रहे।