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- 50-50 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 15-15 दिन की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- अर्थदंड की धनराशि एक लाख में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
- साढ़े 7 वर्ष पूर्व शौच करने गई 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए सामुहिक दुष्कर्म का मामला
फोटो: कोर्ट भवन
सोनभद्र। साढ़े 7 वर्ष पूर्व शौच करने गई 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए सामुहिक दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषियों राम प्रसाद व बाबूलाल को 20-20 वर्ष की कैद एवं 50-50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 15-15 दिन की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि एक लाख रुपये में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 24 अक्तूबर 2017 को घोरावल थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी एक माह पूर्व सुबह शौच करने गई थी। लेकिन वह वापस नहीं आई। उसकी काफी खोजबीन की गई, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इसीबीच पता चला कि राम प्रसाद पुत्र लल्लू निवासी आमडीह, थाना घोरावल व बाबूलाल पुत्र कृपाल निवासी कुंडा थाना घोरावल समेत चार लोग उसकी बेटी के साथ सामुहिक बलात्कार किया है और उसे राजस्थान ले जाकर बेच दिया है। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों राम प्रसाद व बाबूलाल को 20-20 वर्ष की कैद एवं 50-50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 15-15 दिन की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि एक लाख रुपये में से 80 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।