राजेश तिवारी/ अजीत सिंह ( संवाददाता)
ओबरा / सोनभद्र -बाबा भूतेश्वर दरबार महारुद्र सेवा समिति का चुनाव प्रतिवर्ष होता रहा है पर 6 वर्षों से यह चुनाव दो वर्ष पूर्व होता है जो कि संस्था के प्रबंधक/सचिव रामआश्रय बिंद द्वारा 20 वर्षों से पदाधिकारी को मनोनीत कर पद में लाया जाता है । अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, उपकोषाध्यक्ष, मीडिया प्रभारी एवं तमाम पदों का चयन मनोनीत नियुक्ति द्वारा दी जाती है । बतातें चलें कि पूर्व में जो अध्यक्ष रह चुका है वह दोबारा अध्यक्ष पद में नियुक्ति नहीं पा सकता । वर्ष 2025 में फरवरी के लास्ट में चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी कि किस डेट में चुनाव होना है । चुनाव का डेट अभी नजदीक आया नहीं कि लोगों में आगे कौन अध्यक्ष बनेगा इसको लेकर काफी सरगर्मी तेज हो गई हैं । आपको बताते चलें यह चुनाव बहुत साधारण है फिर भी इस चुनाव को लेकर काफी लोगों में उत्सुकता देखी जा रही है । अभी से कई प्रत्याशियों का नाम उभर के बाहर आ रहा है देखना है इस वर्ष अध्यक्ष पद में कौन आता है । स्थानीय रिपोर्टर ने जब संस्था के सदस्यों से बातचीत की तो संस्था के सदस्यों ने बताया कि लोग पद में आते ही अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं। इसलिए जो भी इस संस्था का कार्य भार संभाले उसे बाबा भूतेश्वर दरबार मंदिर से जुड़ी जो भी परंपरा चली आ रही है। उसे सही ढंग से निभाने की जरूरत है न कि उसे भूलने की मंदिर की साफ सफाई गुफाओं की देखरेख मंदिर पर आरती पूजा मंदिर पर आए साधु संतों की सेवा यही हमारी संस्था का कार्य रहा है जो भी इस पद पर आता है उसे इसका पालन करना पड़ेगा वर्तमान में बाबा भूतेश्वर दरबार महारुद्र सेवा समिति के अध्यक्ष विकास तिवारी का कार्यकाल बहुत अच्छा रहा वर्तमान अध्यक्ष से रिपोर्टर द्वारा बात करने पर बताया गया कि जो भी हमारे बाद अध्यक्ष बने वह साफ सुथरा नेक इंसान इस पद में आए क्योंकि यह प्राचीन मंदिर एक संत जो ब्रह्मलीन संत श्री श्री शिवदास जी महाराज एवं फक्कड़ महाराज के नाम से प्रसिद्ध रहा।उनके द्वारा बनाया हुआ सजाया हुआ बाबा भूतेश्वर दरबार का यह दरबार है। यह सच्चा दरबार है ।यहां पर कई वर्षों से ब्रह्मलीन श्री फक्कड़ महाराज के न रहने पर बाबा भूतेश्वर दरबार की डोर एक बहुत बड़े संत जो अघोर पंथी हैं । बाबा व्रत धारी गैया मैया मढैया बाबा लहरी भगवान के नाम से जाने जाते हैं यह 2001 में बाबा भूतेश्वर दरबार में रुद्र महायज्ञ का निर्माण कर बाबा भूतेश्वर दरबार के बीच आज भी आशीर्वाद बने हुए हैं । जिनकी कृपा से भूतेश्वर दरबार आज पूरे सोनभद्र में पर्यटन के रूप में जाना जा रहा है। वह आज भी भूतेश्वर दरबार के समस्त भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए हुए हैं इसलिए जो भी यहां का कार्य भार अध्यक्ष के रूप में देखें वह कभी साधु संतों का अपमान ना करें क्योंकि यह दरबार साधु संतो के साथ पर्यटक के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।