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आगरा से पुणे जा रही एक महिला को गोवा एक्सप्रेस ट्रेन में हार्ट अटैक आ गया। आसपास बैठे यात्रियों ने इसकी सूचना ट्रेन में चल रहे टीटी को दी। उन्होंने इसकी सूचना ग्वालियर स्टेशन प्रबंधन को दी। ट्रेन के ग्वालियर पहुंचने पर महिला को उतार लिया गया। महिला के पति रेलवे स्टेशन पर 40 मिनट तक एम्बुलेंस का इंतजार करते रहे। आखिरकार वह अपनी पत्नी को निजी एम्बुलेंस से लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन ज्यादा समय बीत जाने के कारण महिला की मौत हो गई। रेलवे स्टेशन पर समय से एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण एक साल में किसी यात्री की मौत का यह तीसरा मामला है।
घटना बुधवार देर रात की है। बताया गया कि एक महिला यात्री 66 साल की विजया भारती अपने पति के साथ आगरा से पुणे के लिए ए 1 कोच के 7 नंबर सीट पर यात्रा कर रही थीं। मुरैना स्टेशन निकलते ही उन्हें सीने में तेज दर्द शुरू हुआ। उनकी तबियत जब ज्यादा बिगड़ने लगी तो पति राजवीर सिंह और अन्य यात्रियों ने इसकी सूचना टीटी और अन्य ट्रेन स्टाफ को दी। स्टाफ ने भी तत्काल वायरलेस से ग्वालियर स्टेशन के डिप्टी एसएस को अवगत कराया।
ट्रेन ग्वालियर स्टेशन पर रुकी तो स्टाफ ने फटाफट बीमार महिला को स्टेशन पर उतारा। डिप्टी एसएस दिनेश सिंह सिकरवार ने 108 पर कई बार कॉल किया। बताया गया कि वहां से सिर्फ यह कहा जाता रहा कि धैर्य बनाये रखें बात कराई जा रही है। करीब 40 मिनट बीतने के बाद भी जब एम्बुलेंस नहीं आई तो महिला की बिगड़ती हालत को देखते हुए प्राइवेट एम्बुलेंस बुलवाकर उन्हें अस्पताल रवाना किया गया। लेकिन, समय ज्यादा बीत जाने के कारण महिला की अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई। खास बात यह कि सरकारी एम्बुलेंस महिला की मौत के बाद स्टेशन पर पहुंची।
ग्वालियर स्टेशन पर एम्बुलेंस देर से पहुंचने के कारण बीते कुछ महीनों में एक वाइस चांसलर सहित ये तीसरी मौत हुई है। बीते रोज पड़ाव के पास एक यात्री का ट्रेन की चपेट में आने से एक पैर कट गया था। उस समय भी एम्बुलेंस आधे घंटे बाद आई तब तक अधिक खून बहने से उसकी हालत बिगड़ गई थी। शहरी क्षेत्र में 108 एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम 18 मिनट तय है जबकि बीती रात यह 50 मिनट देरी से रेलवे स्टेशन पहुंची।
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