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पंजाबी सिंगर सिद्दू मूसेवाला।
जन नायक जनता पार्टी(JJP) के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला सिरसा की डबवाली सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वह इन दिनों डबवाली हलके में काफी सक्रिय हैं और लोगों के सुख-दुख बांट रहे हैं। दिग्विजय चौटाला ने यह कहकर चौका दिया है कि वह डबवाली में सिद्ध
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दिग्विजय ने बताया कि प्रतिमा लगाने के लिए सिद्धू मसूवाला के पिता बलकौर सिंह से वह इसकी इजाजत ले चुके हैं। प्रतिमा स्थापित हो जाने के बाद बलकौर सिंह खुद आकर सिद्धू मुसेवाला की प्रतिमा का अनावरण अपने हाथों से करेंगे। दिग्विजय ने कहा कि एक साधारण परिवार से सिद्धू मूसेवाला ने बेहद कम उम्र में अपनी मेहनत के दम पर पूरे देश और दुनिया में नाम कमाया जो सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है। उनका कहना है कि डबवाली में मूसेवाला की प्रतिमा युवाओं को प्रेरणा देगी।
दिग्विजय चौटाला पत्रकारों से बातचीत करते हुए।
प्रतिमा लगाने के पीछे हैं यह 3 कारण
1. डबवाली में पंजाबी वोटरों की संख्या अच्छी तादात में है। यह वोटर लोकसभा में कांग्रेस के साथ दिखाई दिया। सुखबीर बादल ओपी चौटाला की पार्टी INLD का साथ दे रहे हैं। JJP और INLD जब साथ में थे तो यह पंजाब वोट INLD को पड़ते थे साथ में बागड़ी वोट भी करीब-करीब एक जगह पड़ते थे। मगर पार्टी में विभाजन के बाद स्थिति बदल गई।
2. इसके अलावा डबवाली के नजदीक कालावाली, रानिया, सिरसा, फतेहाबाद, रतिया और टोहाना तक पंजाबी वोटरों का साधने का प्रयास JJP कर रही है। कभी यह क्षेत्र चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता था मगर लोकसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में हालत खराब दिखी। सिरसा लोकसभा में JJP और INLD कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई।
3. दिग्विजय चौटाला अब तक एक भी चुनाव नहीं जीत पाए हैं पिछले दो चुनाव में वह हारे हैं। उन्होंने सोनीपत सीट से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ा मगर वह हार गए। इसके अलावा जींद उपचुनाव में किस्मत आजमाई मगर यहां भी वह हार गए। इसके बाद उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा मगर अब वह चौटाला परिवार की परंपरागत सीट से चुनाव लड़कर जीतना चाहते हैं।
इस बार डबवाली विधानसभा में आमने-सामने होगा देवीलाल का कुनबा
हरियाणा में लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी चौटाला परिवार एक दूसरे के सामने चुनाव लड़ सकता है। इतना ही नहीं ऐसा पहली बार होगा जब देवीलाल का कुनबा अलग-अलग पार्टियों से एक दूसरे के सामने होगा। हरियाणा की राजस्थान और पंजाब को छूती डबवाली विधानसभा में इस बार नए समीकरण बन रहे हैं।
यहां मुकाबला रोचक होने वाला है। चौटाला परिवार जहां अपनी परंपरागत सीट दोबारा हासिल करने की जद्दोजहद में है तो वहीं देवीलाल के कुनबे से ही आने वाले अमित सिहाग दूसरी बार कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा जाने की तैयारी कर रहे हैं। डबवाली विधानसभा में इनेलो का सबसे अधिक कब्जा रहा है।
इस बार यहां से इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला मैदान में उतर सकती हैं। इसके अलावा दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला JJP से और BJP से आदित्य चौटाला मैदान में उतर सकते हैं। ऐसा पहली बार होगा जब 4 दलों से परिवार आपस में लड़ेगा।
चौटाला गांव से बने ज्यादा विधायक
डबवाली में पंजाबी और बागड़ी बेल्ट दोनों शामिल हैं। राजस्थान के साथ लगते इलाके में बागड़ी बेल्ट और पंजाब के साथ लगते क्षेत्र में पंजाबी मतदाता अधिक हैं। चौटाला परिवार की पकड़ दोनों ही बेल्ट में मजबूत मानी जाती है। गांव चौटाला, गंगा, कालुआना, बनवाली और ओढ़ा यहां के बड़े गांव हैं। इस बार चार उम्मीदवार एक ही गांव चौटाला के हो सकते हैं। हालांकि इसी गांव से ज्यादा विधायक बनते आए हैं।
ताऊ देवीलाल के परिवार के हैं ये सब लोग
दिग्विजय चौटाला अजय चौटाला के छोटे बेटे हैं और देवीलाल की पड़ पौत्र हैं। वहीं आदित्य चौटाला ताऊ देवीलाल के पौत्र हैं। डॉ. केवी सिंह देवीलाल के भतीजे हैं और इनका बेटा अमित सिहाग मौजूदा विधायक हैं। कांता चौटाला देवीलाल की पौत्र बहू है। ऐसे में चारों ही दावेदारों की नजदीकी रिश्तेदारियां हैं।
कांता चौटाला दिग्विजय चौटाला की चाची और आदित्य चौटाला की भाभी हैं। डॉ. केवी सिंह कांता चौटाला के ससुर हैं। डॉ. केवी सिंह और आदित्य का चाचा-भतीजे का नाता है। ऐसे में हरियाणा में शायद डबवाली ही ऐसी इकलौती सीट होगी, जहां इस पर प्रदेश के एक बड़े सियासी घराने के सदस्य आमने-सामने होंगे।
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