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कांग्रेस की झारखंड इकाई ने मंगलवार को केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इसमें इस राज्य और उसके लोगों की पूरी तरह उपेक्षा की गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में 2024-25 का बजट पेश किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘केंद्रीय बजट में झारखंड के लिए कुछ नहीं है। राजनीतिक दबाव में बिहार और आंध्र प्रदेश को बहुत कुछ दिया गया है लेकिन आदिवासी बहुल इस राज्य को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘झारखंड केंद्र की उदासीनता का शिकार हुआ है क्योंकि यहां गैर-भाजपा सरकार का शासन है। वह (केंद्र) राज्य सरकार पर दबाव बनाना चाहता है और अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए लोगों में गुस्सा पैदा करना चाहता है।’ ठाकुर ने कहा कि झारखंड में अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा।
उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने दावा किया कि केंद्रीय बजट में समाज के सभी वर्गों खासकर निम्न आय वर्ग अैर मध्य वर्गीय परिवारों का ख्याल रखा गया है। वरिष्ठ भाजपा नेता अमर बाउरी ने कहा, ‘यह विकासोन्मुखी बजट है और यह 2047 तक विकसित भारत के सपने को हासिल करने में बहुत योगदान देगा।’
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता बुआरी ने कहा, ‘बजट में ऐसी कई बातें हैं जिनसे झारखंड को बहुत मदद मिलेगी। इसमें प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का प्रस्ताव है और आदिवासी बहुल गांवों एवं आकांक्षी जिलों में इसे पूर्ण रूप से हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस परियोजना में 63,000 गांवों को शामिल किया जाएगा और इससे देश की 12 करोड़ आदिवासी आबादी में से पांच करोड़ को लाभ मिलेगा।’
उन्होंने कहा कि देश के पूर्वी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिपादित ‘पूर्वोदय योजना’ से झारखंड भी लाभान्वित होगा। बुआरी ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि बजट में समाज के सभी वर्गों खासकर युवाओं, महिलाओं, आदिवासियों, निम्न आय वर्गों और मध्य वर्गीय परिवारों का ख्याल रखा गया है।’
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