[ad_1]
ग्वालियर में एक ठेकेदार के साथ उनके ही परिवारिक मित्र ने 33 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। साल 2019 में एक नई खदान की लीज उनके नाम पर होने की बात कहकर परिवारिक मित्र ने 50 लाख रुपए मांगे थे। ठेकेदार ने 33 लाख रुपए एक साल के लिए विश्वास में दिए थे।
.
जब समय पूरा हुआ और ठेकेदार ने अपना रुपया वापस मांगा तो पहले तो आरोपी पिता-पुत्र टालते रहे, लेकिन जब दबाव बनाया तो जान से मारने की धमकी दे दी। मामले की शिकायत पुलिस अधिकारियों से की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ित पक्ष ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को इंदरगंज थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
शहर के फालका बाजार निवासी महेश नारायण साहू ठेकेदार हैं। डबरा-टेकनपुर निवासी प्रकाश शर्मा, संगीता शर्मा और उनके बेटे अवनीश शर्मा से महेश नारायण के परिवारिक संबंध हैं। इन लोगों की हैपनिंग इन्फ्राटेक नाम से फर्म है, जो खदान व क्रसर का संचालन करते हैं। साल 2019 के फरवरी माह में प्रकाश, ठेकेदार के घर आए। साथ में पत्नी व बेटा भी था। इन्होंने बताया कि उनके नाम से एक नई खदान की लीज हुई है। उनका पैसा अभी दूसरी जगह ब्लॉक है। इसलिए एक साल के लिए कुछ 50 लाख रुपए चाहिए। परिवारिक संंबंध होने के चलते महेश ने उनको 33 लाख रुपए कैश दिए थे। एक साल बाद रुपयों को लौटाना तय हुआ था। पर जब एक साल से ज्यादा समय गुजर गया तो महेश नारायण ने अपने रुपए वापस मांगे। पहले तो आरोपीगण यहां वहां की बातें कर टालते रहे, लेकिन जब उन्होंने दबाव डाला तो आरोपी मुकर गया। साथ ही धमकाने लगा।
पता किया तो किसी अन्य के नाम निकली खदान
जब बार-बार मांगने के बाद भी पैसा नहीं मिला तो महेश ने पता किया कि कौनसी खदान के लिए प्रकाश और उसके परिवार ने पैसा लिया था। जब पड़ताल की तो पता लगा कि जिस खदान को आरोपी अपनी बताकर रुपए ले गए थे वह तो किसी कप्तान सिंह के नाम पर है। बार-बार प्रयास के बाद भी जब रुपए वापस नहीं मिले तो पीड़ित पक्ष पुलिस के पास पहुंचा, लेकिन पुलिस का लचर रवैया देखा तो कोर्ट की शरण ली। कोर्ट में परिवाद लगाया, जिस पर कोर्ट ने शिकायत सही पाते हुए पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। जिसके बाद इंदरगंज थाना में गुरुवार को मामले की FIR की गई है।
पहले भी दर्ज कराया था मामला
पता चला है कि इससे पहले जनवरी 2024 में भी महेन्द्र साहू के बेटे ने इन्हीं आरोपियों के खिलाफ पांच लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत की थी, जिसकी क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद मामला दर्ज किया था। इसके बाद फिर एक मामला दर्ज कराया गया है।
[ad_2]
Source link