मिलिन्द कुमार

घोरावल-सोनभद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोरावल में सर्पदंश से बचाव का विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रदेश शासन से आए डॉ. कैलाश यादव और आशीष चंद्र सोनकर ने स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया।
प्रशिक्षण में सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को सर्पदंश से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न सर्पों के लक्षण अलग-अलग होते हैं। करैत सांप के काटने पर दर्द नहीं होता, लेकिन विष तेजी से फैलता है।
डॉक्टरों ने सर्पदंश के उपचार पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि काटे गए स्थान को हल्के दबाव से बांधना चाहिए। मरीज को कम हिलना-डुलना चाहिए और तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर एंटी वेनम का इंजेक्शन लगवाना चाहिए।
शोध अधिकारियों ने चिंता जताई कि घोरावल क्षेत्र में सर्पदंश से होने वाली मौतों की संख्या बहुत अधिक है। स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया गया कि वे यह जानकारी ग्राम प्रधानों, कोटेदारों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तक पहुंचाएं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएचसी घोरावल के अधीक्षक डॉ. नरेंद्र सरोज ने की। इसमें डॉ. अमृत राय, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. अवधेश सिंह और डॉ. कुमार गौरव समेत कई चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।