मिलिंद कुमार
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घोरावल -सोनभद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोरावल में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की तैयारियां जोरों पर हैं। गुरुवार को यहां एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें ब्लॉक की सभी 48 एएनएम को फाइलेरिया की दवाएं और आवश्यक सामग्री वितरित की गई। बीसीपीएम अखिलेश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो मादा मच्छर के काटने से फैलती है। यह पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकती, लेकिन दवाओं से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। दवा लेने के बाद यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलती। प्रशिक्षण में बताया गया कि फाइलेरिया के लक्षण 5 से 15 साल की अवधि में दिखाई देने लगते हैं। इसके लिए एल्बेंडाजोल और डीईसी की गोलियां दी जाती हैं। स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में हर व्यक्ति को यह दवा लेनी जरूरी है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं, एक साल से छोटे बच्चों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को इस दवा का सेवन नहीं करना है। प्रशिक्षण में बीसीपीएम अखिलेश कुमार के अलावा आभा पटेल (बीओसी) और रवि कुमार ने भी एएनएम को मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में ऊषा, सुमन, अंजना, आशा, चिन्ता और बैजन्ती समेत ब्लॉक की सभी एएनएम उपस्थित रहीं।