पत्रकारिता जगत के भीष्मपितामह एव जनपद सोनभद्र में चाचा जी के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले हम युवाओं के गुरु, मार्गदर्शक , मान्यता प्राप्त पत्रकार एव साहित्यकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी का जन्म 17 जनवरी को प्रतिवर्ष जनपद सोनभद्र के किसी न किसी शहर नगर मुहल्ले में मनाया जाता था। इसकी आलोचना भी होती थी ।लेकिन चाचा जी कभी आलोचनाओ से घबराते नही थे । पत्रकारिता के कार्यक्रम में जो सम्मानित नही हो पाता वो नराज भी होते थे।लेकिन चाचा फिर उन्हें मानाकर अगले कार्यक्रम में सम्मानित कर देते थे। चाचा जी कहते थे पत्रकारों को हम लोग नही पूछेगे या सम्मानित नही करेंगे तो कौन करेगा। उनके द्वारा रचित ,,,आदिवासी समाज के विविध रंग,में सोनभद्र के आदिवासी समाज का चरित्र चित्रण किया गया हैं। पत्रकारिता से जुड़ी या साहित्य से जुड़े कार्यक्रम करवाने में कभी संकोच नही करते थे। चाचा जी हमेशा युवाओं के बीच रहना पसंद करते थे। उनका कहना था युवाओ का मार्गदर्शन देना हम अपना परम् कर्तब्य समझते हैं। निष्पक्ष एव निर्भीक पत्रकारिता के लिए एक मार्गदर्शक की आवश्यकता होती हैं। मिथिलेश चाचा मूलतः गोरखपुर के रहनेवाले थे। डाला सीमेंट फैक्ट्री में कार्य करते थे। जिला कांग्रेस यूनियन के पदाधिकारि भी रहे। लिखने पढ़ने के शौकीन चाचा जी फैक्ट्री बन्द होने के बाद पत्रकारिता जगत के तरफ कदम बढ़ाए और फिर एक मुकाम हासिल किए, दैनिक आज से सफर शुरू किए ,निष्पक्ष समाचार ज्योति से मान्यता प्राप्त पत्रकार बने और निरन्तर सफर जारी रखे। अनेको पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष रहे।मीडिया फोरम ऑफ इंडिया, के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एव सोन साहित्य संगम के संयोजक ने कई कृतिमान स्थापित कर परलोक सिधार गए। चाचा जी एक बट बृक्ष के समान थे जिनके शिष्य हर नगर मुहल्ले में रहते हैं। चाचा जी हम सभी के बीच नही रहे लेकिन हम सभी के दिल और दिमांग में हमेशा जीवित रहेंगे। ऐसे मानुषी को शत शत नमन। Gnews24live परिवार चाचा जी को विनम्र श्रंद्धाजलि अर्पित करता है।