ओमप्रकाश गुप्ता
बिजली के निजीकरण से राज्य की जनता के उपर और आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
सोनभद्र। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य कार्यकारणी सदस्य कामरेड आर के शर्मा ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा बिजली के निजीकरण प्रस्ताव पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से न केवल 50 हजार से अधिक संविदा कर्मियों की नौकरीयां जा रही है बल्कि पहले से मंहगाई और बेरोज़गारी का दंश झेल रहे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को और महंगी बिजली से भी सामना करना पड़ेगा।
कामरेड आर के शर्मा ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है की प्रदेश की सरकार जहां सरकारी विभागों में नई भर्तियां नहीं कर रही है वहीं दूसरी तरफ पहले से काम कर रहे संविदा कर्मियों की नौकरी छीन रही है , इन 50 हजार से अधिक संविदा कर्मियो के बेरोजगार होने से इनके परिवारों के सामने आजिविका का संकट खड़ा हो जाएगा । यह सरकार की नाकामी का एक उदाहरण है, जो रोजगार सृजन करने के बजाय लोगों को बेरोजगार कर रही है ।कामरेड शर्मा ने कहा यह सरकार लोगों की भलाई की जगह निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की सोच रही है । अन्य राज्यों की अपेक्षा यहां पहले से महंगी बिजली दरों का और बढ़ना प्रदेश की आम जनता के लिए गंभीर संकट होगा। बिजली के निजीकरण से राज्य की जनता के उपर और आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिजली के निजीकरण के खिलाफ है और निजीकरण के प्रस्ताव का विरोध करती है।