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इस साल जमकर हुई बरसात और बाढ़ से राज्य में खरीफ सीजन में फसलों को बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ। राज्य में 4 करोड़ 48 लाख 75 हजार 089 खसरों और 13 लाख 1055 हेक्टेयर में फसल खराबा हुआ। यह आंकड़ा सामने आया है राज्य में 413 तहसीलों में 9747 पटवारियों, 2603
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अजमेर में 17 लाख 42 हजार 793 खसरों की गिरदावरी हुई। राज्य में सर्वाधिक नुकसान अजमेर में हुआ। जिले में 1 लाख 96 हजार 944.26 हेक्टेयर में फसल खराबा हुआ। इसका बड़ा कारण औसत से डेढ़ गुना हुई बारिश तथा आनासागर और फॉयसागर के ओवरफ्लो पानी ने अजमेर के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में जमकर तबाही मचाना माना जा रहा है। नुकसान के मामले में जोधपुर दूसरे स्थान पर रहा। झुंझुनूं में सबसे कम नुकसान आंका गया।
बारां में 66.21 हेक्टेयर, अलवर में 9.98 तथा झुंझुनूं में सबसे कम 3.60 हेक्टेयर में ही नुकसान हुआ। श्रीगंगानगर में सर्वाधिक 46 लाख 76 हजार 25 खसरों में गिरदावरी हुई। यहां 411.35 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ। चूरू में 230.28, उदयपुर में 994.23, प्रतापगढ़ में 696.72, दौसा में 481.44, सीकर में 130.31 तथा सिरोही में 158.49 हेक्टेयर में ही फसल खराबा हुआ।
भरतपुर, सवाईमाधोपुर तथा बीकानेर में 100 फीसदी गिरदावरी हुई जबकि दौसा, उदयपुर, धौलपुर, टोंक में 99 प्रतिशत से अधिक गिरदावरी हुई। राज्य में कुल 99.99 प्रतिशत गिरदावरी हुई। 44 लाख 87 हजार 5086 खसरों की गिरदावरी पटवारियों ने की, 3 लाख 6710 खसरों की किसानों तथा 15 हजार 131 खसरों की गिरदावरी सर्वेयर द्वारा की गई है। गिरदावरी में 8749135 खसरे सरकारी भूमि तथा 36131812 खसरे निजी खातेदारों के थे। 44760146 खसरों की गिरदावरी ऑनलाइन तथा 120801 खसरों की गिरदावरी ऑफलाइन हुई।
7 जिलों में किसानों ने खुद की अपनी फसलों की गिरदावरी
किसानों ने भी अपने मोबाइल फोन के जरिए फसलों की गिरदावरी की। नागौर में 59123 खसरों, जयपुर में 42974, जोधपुर में 17944, डूंगरपुर में 17196, अलवर में 17056, सवाईमाधोपुर में 13645 तथा चित्तौड़गढ़ में 13 हजार 442 खसरों की गिरदावरी किसानों ने की। दौसा, उदयपुर, भरतपुर, बीकानेर, टोंक, धौलपुर, सवाईमाधोपुर तथा जयपुर में सभी खसरों की गिरदावरी नहीं हो सकी। खराबे में 121840.43 हेक्टेयर एरिया सिंचित तथा 1179214.88 हेक्टेयर असिंचित क्षेत्र शामिल किया गया था।
इनपुट-भूपेन्द्रसिंह, अजमेर
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