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जनार्दन राय नागर विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी के नर्सिंग कॉलेज में नशा मुक्ति को लेकर कार्यशाला हुई। जिसमें जिला व्यसनमुक्त के सदस्य वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीसी जैन ने कहा कि नशा मुक्ति में नर्स बहुत मददगार होते है। डॉ जैन ने कहा कि नशा छोड़ने वाले रोगी
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पहला ये कि अगर वह नशा छोड़ेगा तो उसके बाद शरीर में होने वाले दर्द और बदलाव को कैसे सहन करेगा। दूसरा, नशा छुड़ाने के लिए न जाने कैसा इलाज होगा और तीसरा दूसरे लोगों को इस नशे का पता नहीं लग जाए। डॉ जैन ने शराब, तंबाकू, अफीम, गांजा, एमडी आदि के नशे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तंबाकू चाहे चबाने वाली हो या धूम्रपान करने वाली। वह दीमक की तरह घातक होती है।
उन्होंने दिन में कुछ समय मोबाइल से दूर रहने का आग्रह किया। उन्होंने नशा छुड़ाने के लिए एक्सरसाइज को जरूरी बताया। इस दौरान छात्रों ने नशा नहीं करने का संकल्प लिया। साथ ही हर माह कम से कम दो नशावान को नशा मुक्त करने का भी संकल्प लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर एस एस सारंगदेवोत ने की।
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