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अजमेर में मवेशियों को लेकर हुए विवाद के मामले में सोमवार को एक पक्ष एसपी कार्यालय पहुंचा। पीड़ित पक्ष ने एसपी को शिकायत देकर दूसरे पक्ष के लोगों पर राजनीतिक दबाव बनाकर झूठा मुकदमा दर्ज करवाने सहित घर के बाहर इकट्ठा होकर धमकियां देने और मारपीट कर तोड़
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खानपुरा चिश्ती नगर निवासी रुस्तम अली पुत्र अब्दुल ने एसपी को शिकायत देकर बताया कि उसके द्वारा रामगंज थाने में 28 जून 2024 को पार्षद, पूर्व पार्षद सहित अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दी थी। लेकिन आरोपी राजनीतिक रासुकात वाले व्यक्ति होने के चलते उनके द्वारा दर्ज करवाई गई रिपोर्ट से बचने के लिए उसी दिन उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया और आधी अधूरी वीडियो काट छांटकर पेश पुलिस के सामने की गई। इसके बाद रामगंज थाना पुलिस के द्वारा उसके भाई इरशाद को गिरफ्तार कर लिया गया।
सड़कों पर तलवार लेकर घूमते हुए।
पीड़ित ने एसपी को बताया कि आरोपी की पालतू गायों द्वारा उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाने और घर के बाहर गंदगी कर देने की शिकायत नगर निगम में की थी। 28 जून को नगर निगम की टीम मवेशियों को पकड़ने के लिए पहुंची थी जहां उन्होंने अधिकारियों को पूरा घटनाक्रम समझाया था।
पीड़ित ने बताया कि आरोपियों को इसकी जानकारी मिली कि नगर निगम में उनके द्वारा शिकायत की गई है, तो उसी दिन सभी हाथों में लकड़ी, सरिया, तलवारे लेकर उनके घर के बाहर हमला बोल दिया और काफी तोड़फोड़ की गई। साथ ही उन्हें धमकी भी दी गई थी।
दूसरे पक्ष ने सोमवार को अजमेर एसपी को ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच की रखी मांग।
पीड़ित ने बताया कि उनके घर के बाहर सीसीटीवी भी लगे हुए हैं जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि पूर्व पार्षद रईस सहित अन्य लोगों के द्वारा हमला किया गया। पीड़ित ने आरोप लगाया की पार्षद जावेद के द्वारा अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके घर पर पथराव भी किया गया जिससे उसके घर की खिड़कियां भी टूट गई। इसके साथ ही सड़कों पर उनके अन्य लोगों के द्वारा तलवार लेकर घूमते हुए भी दिखाई दिए। यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हुआ है। पीड़ित ने एसपी को शिकायत देकर मांग की है कि मामले में निष्पक्ष जांच कर सभी आरोपियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई की जाए।
झूठे आरोप लगाए जा रहे
पार्षद जावेद खान ने मामले में कहा कि उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। जिस समय यह घटना हुई वह मौके पर मौजूद नहीं थे। बाद में जब मौके पर पहुंचे तो भाई घायल अवस्था में था जिसे अस्पताल लेकर इलाज करवाया था। बाद में जनप्रतिनिधि होने के नाते इसकी शिकायत रामगंज थाने में दी थी। पुलिस मामले में निष्पक्ष जांच करें सत्यता अपने आप सामने आ जाएगी।
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