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पॉक्सो मामले में फरार जिस आरोपी को पकड़ने के लिए 10 हजार रुपए का इनाम घोषित था, उसकी बजाय पुलिस ने आरोपी के हमनाम दूसरे युवक सुरेश को गलती से गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया।
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पुलिसिंग की इस बड़ी चूक पर कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगाई और पकड़े गए युवक की जगह वास्तविक आरोपी को गिरफ्तार कर पेश करने के निर्देश दिए। मामला सरवाड़ थाने में नाबालिग लड़की के अपहरण दुष्कर्म से जुड़ा है।
2 जून 2023 को दर्ज इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी बोनी चौधरी को गिरफ्तार किया था। लेकिन वारदात में उसका सहयोग करने वाले पवालिया मोर केकड़ी निवासी अशोक पुत्र जोधाराम और सुरेश पुत्र जगदीश जाट 21 दिसंबर 2023 से फरार हैं।
पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी पर 10 हजार का इनाम घोषित किया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ जांच पेंडिंग रखते हुए चार्जशीट भी अजमेर की पॉक्सो कोर्ट संख्या एक में पेश कर दी थी।
प्रोडक्शन वारंट पर टोंक जेल से गिरफ्तार कर लाए
आईओ एसआई सत्यवान सिंह को सूचना मिली कि फरार आरोपी सुरेश टांक जेल में किसी अन्य मामले में बंद है। उसे डिग्गी पुलिस ने 24 जून को पकड़ा है। इस पर सरवाड़ पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट के जरिए सुरेश को टॉक जेल से गिरफ्तार कर लिया। लेकिन सुरेश ने खुलासा किया कि पॉक्सो एक्ट में वह नहीं बल्कि उसका पड़ोसी सुरेश वांछित है।
सरपंच और अन्य लोगों ने की तस्दीक
मोर गांव के सरपंच और अन्य लोगों ने तस्दीक की कि पॉक्सो एक्ट में वांछित सुरेश पुत्र जगदीश जाट फरार है। गिरफ्तार युवक भी सुरेश पुत्र जगदीश जाट है। दोनों के नाम, पिता का नाम, पता और उम्र करीब 33 साल एक समान हैं।
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