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जेष्ठ शुक्ल चौदस व्रत पूर्णिमा पर लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में प्रभु श्रीनाथ जी का ज्येष्ठाभिषेक एवं आम मनोरथ आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रातः 6 बजे शंख, झालर, घंटा ध्वनि एवं मंत्रोच्चार के बीच मोगरा, गुलाब, केसर, चंदन, बरस युक्त जल से भरे 108
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प्रभु को केसरिया वस्त्र पहनाए गए और सिर पर मोर चंद्रिका एवं मोतियों के आभूषण पहनाकर श्रृंगार किया। संध्या काल में प्रभु को 4100 आम का भोग लगाया गया। इसके पीछे यह भावना है कि नंदराय जी ने आज प्रभु कृष्ण को ब्रजकुमार से ब्रजराज के पद पर विराजमान किया था एवं उनका अभिषेक कर राज्याभिषेक किया था। तब सभी ब्रजवासियों ने प्रभु श्रीकृष्ण को रस युक्त ऋतु फल अर्पित किए और आम का भोग लगाया। इसके अलावा आम से बनी सामग्री जैसे आम बर्फी, कैरी का पना, आम पापड़, आम रबड़ी एवं आम के रायते का भोग लगाया गया।
मंदिर के मुखिया श्रीकांत शर्मा ने बताया कि पुष्टिमार्ग में इसी भावना से जेष्ठ मास की पूर्णिमा पर यह उत्सव मनाया जाता है। जेष्ठाभिषेक के जल को वैदिक रूप तैयार किया जाता है और मंत्रोच्चार के साथ प्रभु श्रीनाथजी का अभिषेक कराया जाता है। बाद में यह जल सभी वैष्णवजनों को वितरित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जल ग्रहण करने से मनुष्य के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और रोग दूर होते हैं।
यमुना पूजन महोत्सव शनिवार को
22 जून को श्री यमुना पूजन महोत्सव का समापन किया जाएगा एवं प्रभु को कुंडवारा भोग लगाया जाएगा। इसके अलावा आम की प्रसादी सभी वैष्णवजन में वितरित की जाएगी।
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