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अवैध काॅलाेनी में रहने वाले लाेग पीड़ादायक जिंदगी जीने काे मजबूर हैं। खेतों काे काटकर और सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का झूठा आश्वासन दिखाकर बेचवार और दलाल ताे गायब हाे जाते हैं, परंतु यहां प्लाॅट खरीदने वाले लाेग सालाें परेश
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कॉलोनी अवैध है ऐसे में सरकार द्वारा होने वाले विकास कार्य यहां कराए नहीं जा सकते। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि प्लॉट बेचते समय हम लाेगों से कहा गया कि सड़क, पानी, बिजली की सभी सुविधाएं मिलेंगी। धाेखे में आकर प्लाॅट ताे ले लिया लेकिन अब तक एेसा नहीं किया गया है। टेंपरेरी बिजली कनेक्शन लेकर और महंगी दर पर बिजली लेकर गुजारा कर रहे हैं। पानी के लिए बाेर कराने पैसे खर्च करना पड़े। जिसने प्लाॅट बेचे वे कभी पार्टनराें द्वारा धाेखा देने की बात कहते हैं ताे कभी हमें ही धमकी देते हैं कि जहां शिकायत करना हाे कर दाे।
लाेगाें की ऐसी है पीड़ा
सेवानिवृत्त मेजर ध्यानचंद्र अवस्थी कहते हैं कि टेंपरेरी मीटर हाेने के कारण 15 रुपए यूनिट बिजली का बिल आता है। सड़क, पानी की काेई बुनियादी सुविधा यहां नहीं है।
सीएमओ बोले- कार्रवाई होगी
नपा सीएमओ ईशांक धाकड़ का कहना है कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। यह कॉलोनी जिसने बनाई उसे नोटिस देकर जवाब मांगेंगे। कॉलोनी में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की जांच भी जाएगी। कमियां मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। लोग अपनी शिकायत नगर पालिका कार्यालय में भी कर सकते हैं।
रेलवे से सेवानिवृत्त बाबूलाल पटेल का कहना है कि कॉलोनी में कोई बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। जिसने प्लॉट बेचे, उनसे सुविधाओं की मांग कराे ताे अब हमें उल्टी धमकी देते हैं।
राजेश पटेल बताते हैं कि उन्होंने साेना बैंक में रखकर गाेल्ड लाेन लिया। काॅलाेनी में सुविधाएं नहीं हैं। मकान बनने में हाे रही देरी के कारण अब चक्रवृद्धि ब्याज लग रहा है।
चक्रेश पटेल ने बताया कि मकान बनाने यहां लाेन ताे मिला नहीं। सुविधाएं न हाेने पर मकान नहीं बनाया। 3 लाख का पर्सनल लाेन लिया। जिसका ब्याज 13.49% लग रहा है।
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