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19 लाख मतदाताओं वाले कौशाम्बी लोकसभा क्षेत्र में 7 लाख से अधिक दलित वोटर हैं। इसमें भी पासी मतों की संख्या चार लाख से ज्यादा है। इसके अलावा यादव और मुस्लिम मतों की संख्या भी दो-दो लाख के करीब है। भाजपा प्रत्याशी निवर्तमान सांसद विनोद सोनकर के मुकाबले समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर महज 25 वर्षीय युवा पुष्पेंद्र सरोज पर दांव लगाया।
पुष्पेंद्र सरोज।
विस्तार
कौशाम्बी संसदीय क्षेत्र के चुनाव में मतदान के दिन अंतत: वोटर सीधे तौर पर भाजपा और सपा के बीच बंट गए। भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर और सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज के बीच जमकर ध्रुवीकरण हुआ। बसपा पूरे दिन साख बचाने को मतदान केंद्रों पर जूझती दिखाई पड़ी।
19 लाख मतदाताओं वाले कौशाम्बी लोकसभा क्षेत्र में 7 लाख से अधिक दलित वोटर हैं। इसमें भी पासी मतों की संख्या चार लाख से ज्यादा है। इसके अलावा यादव और मुस्लिम मतों की संख्या भी दो-दो लाख के करीब है। भाजपा प्रत्याशी निवर्तमान सांसद विनोद सोनकर के मुकाबले समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर महज 25 वर्षीय युवा पुष्पेंद्र सरोज पर दांव लगाया।
जातिगत समीकरणों के चलते समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर शुरू से ही सपा और भाजपा के बीच संघर्ष नजर आने लगा था। बसपा चुनाव को त्रिकोणात्मक बनाने में जुटी थी। जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आई। मतदाता सपा और भाजपा के बीच बंटने शुरू हो गए।
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