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माल रोड पर फैक्ट्री मालिक के घर के बाहर प्रदर्शन करती महिलाओं को समझाते DSP बीर सिंह।
हरियाणा में करनाल के तरावड़ी की एक फैक्ट्री में करंट लगने से जख्मी हुए इलेक्ट्रिशियन सोमवार शाम को इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक दादूपुर की मिल्क फूड कंपनी में ऑपरेटर की नौकरी करता था और पार्ट टाइम में इलेक्ट्रिशियन का भी काम किया करता था। सोमवार शाम
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देर शाम को माल रोड पर फैक्ट्री मालिक के घर के बाहर प्रदर्शन करते परिजन।
परिजनों का कहना कि पहले भी फैक्ट्री में काम करने वाले इलेक्ट्रिशियन कई बार सेफ्टी किट की डिमांड कर चुके थे, लेकिन सेफ्टी किट नहीं दी गई। अगर सेफ्टी किट होती तो शायद हादसा नहीं होता। सोमवार देर शाम करीब साढ़े 10 बजे तक परिजनों ने मालिक के कोटी के बाहर जमकर हांगामा किया। लेकिन बाद में DSP के आश्वासन के बाद रात को घर चले गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी हाउस में रखवा दिया। आज शव परिजनों हवाले कर दिया जाएगा।
कृष्ण 25 साल से करता था फैक्ट्री में काम
परिजनों ने बताया कि गांव झंझाड़ी निवासी कृष्ण कुमार पुत्र स्वर्गीय रामदिया करीब 25 सालो से कर्ण मिल्क फूड प्राइवेट लिमिटेड दादूपुर में पाउडर व घी प्लांट में ऑपरेटर की जॉब करता था। मृतक के भाई जसमेर सिंह ने बताया कि जब कभी प्लांट में काम नहीं होता था तो वह इलेक्ट्रिशियन के तौर पर आसपास की फैक्ट्रियों में भी काम कर लेता था। बीती 14 मई को उसका भाई मिल्क कंपनी में गया, लेकिन वहां पर प्लांट में कोई भी काम नहीं था। उसको ज्ञान प्रकाश गुप्ता की फैक्टरी में बिजली रिपेयर करने के लिए बुला लिया गया था।
ग्रामीणों को समझाते DSP बीर सिंह।
बिना सेफ्टी किट के ही करवाया काम, लगा करंट
भाई का आरोप है कि जब कृष्ण फैक्ट्री में बिजली का काम कर रहा था तो उसने सेफ्टी किट की डिमांड की लेकिन उसे सेफ्टी किट नहीं दी गई। उसको नौकरी से भी हटाने की धमकी दी गई। बिना सेफ्टी किट के ही उसे काम करना पड़ा। जब वह बिजली रिपेयर कर कर रहा था तो अचानक उसे बिजली का करंट लगा और फ्लैशलाइट की चिंगारी से कृष्ण के कपड़ों में आग लग गई। जिसके कारण कृष्ण का शरीर लगभग 90 प्रतिशत जल गया और फैक्ट्री वालों ने कृष्ण कुमार को मौके से उठाकर इलाज के लिए बालाजी अस्पताल करनाल में दाखिल करवा दिया था।
17 मई को किया चंडीगढ़ रैफर
मृतक के भाई ने बताया कि बालाजी अस्पताल के डॉक्टरों ने कृष्ण को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। जहां पर उसका इलाज चला, लेकिन हालत ज्यादा गंभीर होने पर कृष्ण को 17 मई को करनाल से चंडीगढ़ PGI रेफर कर दिया गया। जहां पर इलाज के दौरान कृष्ण की मौत हो गई।
पिता की मौत के बाद फैक्ट्री मालिक के घर के बाहर विलाप करती मृतक की बेटियां।
चार बच्चों के सिर उठा पिता का साया
कृष्ण परिवार में अकेला ही कमाने वाला था। उसके चार बच्चे है। दो लड़कियां व दो लड़के। कृष्ण की मौत के बाद चारों बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। कृष्ण की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। मृतक के भाई ने फैक्ट्री मालिक ज्ञानचंद गुप्ता, मैनेजर राकेश मित्तल व दीपक कुमार द्वारा बिजली कीट उपलब्ध न करवाने व लापरवाही से काम करवाने आरोप लगाए है। व पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस कर रही मामले की जांच
तरवाड़ी थाना के SHO मनीष कुमार ने बताया कि कृष्ण की करंट लगने से मौत हो गई है। जिसकी शिकायत मिली है। फैक्टरी मालिकों पर लापरवाही के आरोप लगाए गए है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जो भी तथ्य सामने आएगें, उसी के अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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