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प्रदेश को वर्ष 2027 तक संपूर्ण साक्षर किया जाएगा। इसके लिए राज्य में क्रमवार कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। केंद्र सरकार के नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत साक्षरता निदेशालय ने 2025 तक 31 लाख लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इनमे
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ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. कैलाश चंद्र ने बताया कि 31 लाख में से 24 लाख लोगों को सर्वे कर चिह्नित कर लिया गया है। इनमें से अब तक 16 लाख से ज्यादा लोगों ने नवभारत साक्षरता की परीक्षा दी है। 15 लाख से ज्यादा लोगों को परीक्षा पास करने पर केंद्र सरकार की ओर से सर्टिफिकेट मिल चुके हैं। शेष रहे लोगों के लिए रविवार को पंचायत स्तर पर एफएलएन दिवस आयोजित किया जाएगा। इसमें किसी कारण कम पढ़े या स्कूल छूट जाने वाले 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को संख्या ज्ञान के साथ बेसिक शिक्षा दी जाएगी। इसका मकसद है कि ये लोग रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्याओं से पार पा सकें। इसके लिए साक्षरता वीटी सहयोग करेंगे।
ये वीटी परिवार का कोई स्कूली बच्चा हो सकता है या फिर मोहल्ले-कॉलोनी के रिटायर्ड कर्मचारी या शिक्षक। इसका मकसद है कि ऐसे लोगों को संख्या ज्ञान होने से वे बैंक लेनदेन जैसे कई काम खुद कर सकेंगे। दूसरों पर निर्भरता खत्म करने और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाना भी प्राथमिकताओं में शामिल है।
शिक्षा के साथ स्किल डेवेलपमेंट भी
15 से ज्यादा उम्र के युवा व लोगों को बुनियादी ज्ञान के साथ अब स्थानीय रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय कर योजनाओं से जोड़ेंगे। इसके लिए उन्हें व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अगर कोई व्यक्ति छोटा-मोटा रोजगार पा रहा है या काम धंधा कर रहा है तो उसके आगे बढ़ाने के लिए इस स्कीम के तहत मार्गदर्शन व सहायता की जाएगी। राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर पहले सर्वे के बाद प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद वे अपने क्षेत्र में या आसपास अच्छा रोजगार पा सकेंगे।
जालोर में सबसे कम साक्षर
2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में 66.11 लोग साक्षर हैं। 2027 तक 100 प्रतिशत साक्षरता हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। सबसे ज्यादा साक्षरता कोटा में 76.56 व जयपुर जिले में 75.51 प्रतिशत लोग पढ़े लिखे हैं। प्रदेश के छह जिलों में 70 प्रतिशत लोग साक्षर हैं। जबकि सबसे कम साक्षर जालोर, सिरोही, प्रतापगढ़ जैसे जिलों में हैं। जालोर में 54.86 प्रतिशत, सिराेही में 55.25 व प्रतापगढ़ में 55.97 प्रतिशत लोग साक्षर हैं।
फैक्ट फाइल – 2025 तक 31 लाख का लक्ष्य
- 24 लाख लोगों का सर्वे
- 16 लाख परीक्षा दे चुके
- 15 लाख को सर्टिफिकेट
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