अभिषेक शर्मा
डाला, सोनभद्र: श्री अचलेश्वर महादेव मन्दिर के 57वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर अपनी परम्परा नुसार मन्दिर फाउंडेशन ने भव्य संगीत समारोह का आयोजन किया । इस विशेष कार्यक्रम में सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देने के साथ-साथ भक्तों और संगीत प्रेमियों को भारतीय शास्त्र संगीत को समझने और आत्मसात करने का मौका दिया.
समारोह में देशभर के प्रसिद्ध कलाकारों ने अपने समृद्ध सांगितिक कला का प्रदर्शन किया । वाराणसी की विदूषी डॉ. कमलाशंकर ने स्वरचित अपने वाद्य यंत्र ”शंकर गिटार’! पर राग विहाग में आलाप जोड़ झाला से राग की अवतारणा की तत्पश्चात राग मिश्र खमाज में बेहद सुंदर वादन किया आपके साथ तबले पर संगत दिल्ली से पधारे विश्वप्रसिद्ध तबलावादक पंडित विनोद लेले ने किया बेहद सधी संगत ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह की दूसरी प्रस्तुति बनारस की कथक नृत्यगना संस्कृति शर्मा ने शिवतांडव स्तोत्र से प्रारम्भ किया तत्पश्चात बनारस अंग की ठुमरी पर सुंदर भाव नृत्य प्रस्तुत किया संस्कृति बनारस के सुप्रसिद्ध युवा नर्तक विशाल कृष्ण की शिष्या है । अपनी छोटी उम्र में ही आप में नृत्य के अभिनय की कुशलता देखने को मिली.समारोह की अंतिम प्रस्तुति कर्नाटक के धारवड़ से पधारे विश्व प्रसिद्ध ख्याल गायक पंडीत कुमार मर्डुर की थी आप ने अपने गायन की शुरुआत राग जोग कौस में बड़ा ख्याल से किया बंदिश थी देवन देव महादेव शम्भू महादेव गाया मधुर आवाज़ के धनी एवं रगों की शुद्ध और सौन्दर्यपूर्ण प्रस्तुति स्पस्ट तान पैटर्न एवं लय पर पकड़ आपके गायन में बखूबी दिखी. धारवाड़ की समृद्ध परम्परा और अपने पिता व गुरू पंडित सोमनाथ मर्डुर की परम्परा का स्पष्ट छाप राग हंसध्वनि में दिखी जब आपने जय माते विलमत तज दे गाया व गुणीयन में गाए बजाये बंदिश गाई. श्रोताओं के फरमाइस पर एक कबीर भजन व राग भैरवी में मीरा के पद सावरा म्हारी प्रीत निभा जा जी से अपने गायन का समापन किया ।
श्री अचलेश्वर महादेव मन्दिर फाउंडेशन के सचिव चंद्र प्रकाश तिवारी ने मंच संचालन के दौरान बताया की इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना युवा पीढ़ी को भी भारत के गौरवशाली संगीत, नृत्य के प्रति रुझान पैदा कर समाज में सांस्कृतिक शाक्षरता लाने की यह निरंतर यात्रा है । दीप प्रज्वलन महंत पंडित मुरली तिवारी, आचार्य डॉक्टर ब्रजेश दीक्षित, डाला नगर पंचायत की अध्यक्ष सुश्री फूलवन्ति देवी डॉक्टर लवकुश प्रजापति व जे एन तिवारी ने किया.
अंत में श्री अचलेश्वर महादेव मन्दिर न्यास के संस्थापक व अध्यक्ष महंत मुरली तिवारी ने क्लाकरो को पुस्तक दे कर सम्मानित किया.।