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बाबा गोरखनाथ व अवधेश प्रसाद।
– फोटो : amar ujala
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अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर लंबित चुनाव याचिका को वापस लेने की अपील पर गुरुवार को फैसला नहीं हो सका। 2022 विधानसभा चुनाव के बाद सपा नेता अवधेश प्रसाद के खिलाफ हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ में याचिका दाखिल की गई थी जिसके लंबित होने के कारण चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की घोषणा नहीं की थी। याचिका दाखिल करने वाले भाजपा नेता बाबा गोरखनाथ ने याचिका वापस लेने की अपील की थी जिस पर अदालत ने एक हफ्ते में अधिकृत गजट प्रकाशित करने का आदेश दिया। गजट प्रकाशित होने के 15 दिन बाद मामले की सुनवाई होगी।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने भाजपा नेता गोरखनाथ की याचिका वापस लेने की अपील पर यह आदेश गुरुवार को सुनाया। अदालत ने 2022 विधानसभा चुनाव के सभी प्रत्याशियों को नोटिस भेजने का आदेश दिया साथ ही याची को एक हफ्ते के अंदर अधिकृत गजट प्रकाशित करने का भी आदेश दिया।
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भाजपा नेता के अधिवक्ता संदीप यादव ने बताया कि चुनाव याचिका वापस लेने की अपील पर सपा नेता अवधेश प्रसाद के अधिवक्ता ने विरोध जताया। विपक्षी अधिवक्ता का कहना था कि मामले से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस भेजी जानी चाहिए। चुनाव याचिका दाखिल करते समय सभी पक्षों को नोटिस भेजी गई थी। यदि किसी पक्ष को अपनी बात कहनी होती तो वह अदालत पहुंच सकता था। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेशानुसार अधिकृत गजट का प्रकाशन एक-दो दिन में कर दिया जाएगा।
2022 विधानसभा चुनाव में अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर सपा नेता अवधेश प्रसाद ने भाजपा नेता बाबा गोरखनाथ को 13 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। इन दोनों के अलावा कांग्रेस से ब्रजेश कुमार, बसपा से मीरा देवी, मौलिक अधिकार पार्टी से राधेश्याम और निर्दलीय प्रत्याशी शिवमूर्ति ने चुनाव लड़ा था। भाजपा नेता ने याचिका वापस लेने के बाद चुनाव आयोग से अन्य 9 सीटों के साथ मिल्कीपुर विधानसभा में चुनाव कराने के लिए अनुरोध करने की बात कही थी। अदालत में बृहस्पतिवार के फैसले के बाद अन्य सीटों के साथ चुनाव की संभावना कम हो गई है।
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