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दिल्ली में सर्दी शुरू होने के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। हर साल राजधानी के अस्पतालों में प्रदूषण के समय मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इसे देखते हुए राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने प्रदूषण के मरीजों के लिए एक विशेष क्लीनिक शुरू किया है।
दिल्ली में सर्दी शुरू होने के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। हर साल राजधानी के अस्पतालों में प्रदूषण के समय मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इसे देखते हुए राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने प्रदूषण के मरीजों के लिए एक विशेष क्लीनिक शुरू किया है।
आरएमएल अस्पताल में हर सोमवार को दोपहर दो से चार बजे तक ग्राउंड फ्लोर पर कमरा नंबर तीन से सात तक प्रदूषण से जुड़ी परेशानी के इलाज के लिए मरीज जा सकते हैं। विशेषज्ञों की टीम के साथ पूरी क्षमता से क्लीनिक संचालित हो गए हैं। क्लीनिक के इंचार्ज डॉ़ अमित सूरी ने बताया कि प्रदूषण से जुड़ी किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क किया जा सकता है, विशेषज्ञों की टीम को जरूरी उपकरण के साथ इलाज के लिए नियुक्त किया है।
क्लीनिक में आने वाले सभी मरीजों को उनके लक्ष्ण के आधार पर आंख, कान, त्वचा या फिर मनोवैज्ञानिकों के पास रेफर किया जाएगा, जिससे परेशानी में जरूरी सलाह दी जा सके। डॉ. सूरी ने बताया कि क्लीनिक में पांच विभागों के डॉक्टर बैठेंगे। इसके साथ ही मरीजों को इस बात की भी सलाह दी जाएगी कि वह खुद को प्रदूषण की वजह से होने वाले दुष्प्रभाव से कैसे बचा सकते हैं। प्रदूषण के इलाज का क्लीनिक शुरू होने से मरीज को शुरुआती चरण में ही प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं से बचाया जा सकेगा।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन भी ‘खराब’ रही
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी ‘खराब’ श्रेणी में रही और कुछ निगरानी केंद्रों ने इसका स्तर ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया। दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, परिवहन से होने वाले उत्सर्जन का दिल्ली के वायु प्रदूषण में लगभग 19.2 प्रतिशत योगदान है। हवा की गुणवत्ता खराब होने का एक और बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना है।
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