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एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम स्थापित रनवे की टेस्टिंग 15 नवंबर से शुरू की एयरक्राफ्ट ने दो बार उड़ान भरकर एयरपोर्ट के उपकरण जांचे
एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम स्थापित रनवे की टेस्टिंग 15 नवंबर से शुरू की जाएगी
ग्रेटर नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर नेविगेशन और रडार संबंधी उपकरणों की तीन दिवसीय जांच चल रही है। शुक्रवार को दूसरे दिन भारतीय विमानन पत्तन प्राधिकरण के एयरक्राफ्ट ने दो बार उड़ान भरकर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) सिस्टम को परखा। शनिवार को एयरक्राफ्ट के जरिए उपकरणों की जांच की जाएगी। हालांकि, एयरक्राफ्ट को अभी रनवे पर नहीं उतारा गया है। रनवे की टेस्टिंग 15 नवंबर से शुरू होगी।
प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। बीते दिनों डीजीसीए ने उपकरणों का निरीक्षण भी किया था। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है, जिसकी एयरक्राफ्ट के जरिए जांच की जा रही है।
बताया जाता है कि आईएलएस कॉमर्शियल उड़ानों से पहले कैलिब्रेशन फ्लाइट से नेविगेशन ऐड, रनवे पर लाइटिंग व्यवस्था और एयरस्पेस की जांच की जाती है। आईएलएस से ही रनवे की विभिन्न प्रकार की जांच होती है। शुक्रवार को एयरक्राफ्ट ने दो बार उड़ान भरी और जांच की। जांच में उपकरण सही प्रकार से काम करते पाए गए। शनिवार को भी उपकरणों की जांच की जाएगी और टेस्टिंग रिपोर्ट एएआई एवं डीजीसीए को सौंपी जाएगी।
अप्रैल में भी हुई थी उपकरण की जांच :
एयरपोर्ट पर पहली डीवीओआर कैलिब्रेशन फ्लाइट के मध्यम से नेविगेशन उपकरण की जांच अप्रैल में की गई थी। बीचक्राफ्ट किंग एयर बी 300 ने एयरपोर्ट के ऊपर उड़ान भरी थी। यह जांच 18 से 30 अप्रैल तक चली थी। इस दौरान भी एयरक्राफ्ट को उड़कर नेविगेशन के लिए लगाए गए उपकरण ठीक से कार्य कर रहे हैं या नहीं, इसकी जांच की गई थी।
ट्रायल के लिए नवंबर में विमान उतरेंगे :
एयरपोर्ट पर अगले वर्ष 17 अप्रैल से व्यावसायिक विमानों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी। ऐसे में 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक ट्रायल के लिए विभिन्न एयरलाइंस के खाली विमान पूरे महीने रनवे पर उतारे जाएंगे। 30 नवंबर को तीन प्रकार के एयरक्राफ्ट और विमान उतारकर रनवे की टेस्टिंग होगी। उस दिन विमानों में कू मेंबर से लेकर यात्री तक सभी रहेंगे।
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