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देश के पिछड़े जिलों में शुमार हरियाणा के मेवात इलाके के नूंह जिले में ज्यादा मतदान करने की परम्परा फिर कायम रही। साक्षरता दर में फिसड्डी इस जिले के लोग मतदान में अव्वल रहे। शनिवार को यहां विधानसभा चुनाव के लिए हथीन सीट पर सबसे ज्यादा 77.87 फीसदी मतदान हुआ।
देश के पिछड़े जिलों में शुमार हरियाणा के मेवात इलाके के नूंह जिले में ज्यादा मतदान करने की परम्परा फिर कायम रही। साक्षरता दर में फिसड्डी इस जिले के लोग मतदान में अव्वल रहे। शनिवार को यहां विधानसभा चुनाव के लिए हथीन सीट पर सबसे ज्यादा 77.87 फीसदी मतदान हुआ। जो साक्षरता दर में अव्वल महानगर फरीदाबाद की सीटों से काफी ज्यादा है। खास बात यह है कि इससे पहले नूंह विधानसभा में वर्ष 2014 में 82 फीसदी से ज्यादा मतदान करने का रिकॉर्ड बना था। नीति आयोग ने नूंह को देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल किया है। यह हरियाणा का अकेला जिला है, जो इस लिस्ट में है। खेती के अलावा ड्राइवरी (भारी वाहन चालक) रोजगार के मुख्य स्रोत्र हैं।
यहां पर अधिकत युवा वाहन चलाकर गुजर-बसर करते हैं। बहरहाल,लोगों का जीवन स्तर उठाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और पोषण जैसी समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बहरहाल पिछड़ने के बावजूद, नूंह के लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आगे बढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, यह सराहनीय है।
मतदान करने में पुरुषों आगे महिलाएं
शनिवार को विधानसभा के लिए हुए मतदान में जिला नूंह में कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। जिला स्तर पर महिला और पुरुषों का 72.81 फीसदी औसतन मतदान बराबर रहा। इसमें भी खास बात यह रही कि फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया। फिरोजपुर झिरका में पुरुषों ने 73.01 और महिलाओं ने 73.25 फीसदी मतदान किया। पुन्हाना में पुरुषों ने 70.53 और महिलाओं ने 71.16 फीसदी मतदान किया है।
54.8 फीसदी है नूंह की साक्षरता दर
2011 की जनगणना के अनुसार, नूंह की साक्षरता दर केवल 54.8 फीसदी है, जबकि फरीदाबाद जिले की 81.70 फीसदी और पलवल जिले की 69.32 फीसदी है। इसके बावजूद, मेवात के लोगों में चुनावी जागरुकता का स्तर हमेशा ऊंचा रहा है। 2009 के परिसीमन के बाद नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, और हथीन क्षेत्रों में मतदान 70 फीसदी से ऊपर रहा है। इस बार भी इन विधानसभाओं में यह सिलसिला बरकरार रहा।
सामाजिक ताना-बाना भी काफी मजबूत
मेवात की राजनीति के जानकार आसिफ, सिराज, अब्बास का कहना है कि मेवात क्षेत्र में राजनीति के प्रति लोगों में पहले से ही जागरुकता है। यहां के मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, जिसके चलते मेवात क्षेत्र में अच्छा मतदान होता है। यहां जातीय और पारिवारिक प्रभाव राजनीति पर गहरा असर डालता है। सामाजिक ताना-बाना ऐसा है कि जान-पहचान के लिहाज से लोग एक-दूसरे के काफी नजदीक हैं। इलाके में विकास के लिए मतदान करते हैं।
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