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World Top Rice Exporter: भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा समय में चावल निर्यात को लेकर जबरदस्त होड़ चल रही है. भारत दुनिया का जहां सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है, वहीं पाकिस्तान चावल निर्यात के मामले में चौथे स्थान पर है. पूरी दुनिया में भारत अकेले 40 प्रतिशत चावल निर्यात करता है. अब दोनों देश दुनिया के चावल बाजार पर कब्जा करने के लिए कई तरह की छूट दे रहे हैं.
दरअसल, भारत और पाकिस्तान ने ऐसा फैसला किया है, जिससे पूरी दुनिया खुश है. दोनों देशों ने एक बार फिर चावल निर्यात शुरू कर दिया है, इतना ही नहीं अब दोनों देशों ने चावल निर्यात के लिए मूल्य सीमा को भी समाप्त कर दिया है. जिसकी वजह से पूरी दुनिया चावल की विभिन्न प्रजातियों के दाम घट गए हैं. फिलहाल, अभी भारत ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाया है. भारत ने एक साल पहले विदेशों में चावल बिक्री को लेकर रोक लगा दी थी. लेकिन साल 2024 में अधिक उपज के बाद घरेलू जरूरत के लिए देश के गोदाम फुल हो गए हैं.
भारत से पाकिस्तान को मिल रही कड़ी टक्कर
पाकिस्तान ने साल 2023 में बासमती चावल के लिए 1300 डॉलर प्रति मीट्रिक टन और गैर बासमती चावल के लिए 550 डॉलर मूल्य निर्धारित किया था. वहीं भारत ने बासमती चावल का मूल्य 950 डॉलर प्रति मीट्रिक टन निर्धारित किया था. अब दोनों देशों ने मूल्य सीमा (एमईपी) को वापस ले लिया है. भारत और पाकिस्तान ही ऐसे देश हैं, जो बासमती चावल का उत्पादन करते हैं. यह चावल अपने अनूठे स्वाद और सुगंध के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान ने 28 सितंबर को जारी एक अधिसूचना में कहा कि सरकार ने पाकिस्तान के चावल निर्यातक संघ के अनुरोध पर एमईपी को खत्म करने का काम किया है. खान ने कहा कि पिछले साल भारत ने चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसकी वजह से चावल का न्यूतम मूल्य निर्धारित किया गया था.
पाकिस्तान कमाना चाहता था अधिक फायदा
दरअसल, भारत की तरफ से प्रतिबंध लगाने के बाद पाकिस्तान एकमात्र दुनिया का बासमती चावल निर्यातक देश बन गया था. इस दौरान पाकिस्तान ने चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य तय करके अधिक फायदा कमाना चाह रहा था. पाकिस्तान के मंत्री ने कहा कि भारत की तरफ से चावल निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के बाद चावल की वैश्विक कीमतों में गिरावट आ गई है. पाकिस्तान के चावल निर्यातकों को अब कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है. पाकिस्तान के मंत्री ने कहा कि न्यूनतम मूल्य हटाने के बाद पाकिस्तान के चावल निर्यात में बढोतरी होने की संभावना है. पाकिस्तान चावल निर्यात से 5 बिलियन डॉलर का राजस्व प्राप्त कर सकता है.
थाईलैंड और वियतनाम भी चावल निर्यात में ऊपर
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान के लिए यह आसान नहीं होगा, क्योंकि उसका मुकाबला भारत से है. दूसरी तरफ भारत और पाकिस्तान की तरफ से छूट देने के बाद अन्य चावल उत्पादक मुसीबत में पड़ गए हैं. भारत अकेले 65 फीसदी बासमती चावल का निर्यात करता है. वहीं पाकिस्तान 35 फीसदी बासमती चावल का निर्यात करता है. दुनिया में थाईलैंड और वियतनाम भारत के बाद दो बड़े चावल निर्यातक देश हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने चावल निर्यात करते 11 बिलियन डॉलर का राजस्व कमाया था.
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