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बीएसपी सुप्रीमो कुमारी मायावती फाइल फोटो।
हरियाणा में करनाल की असंध विधानसभा में आज BSP और इनेलो गठबंधन की संयुक्त रैली होने जा रही है। बीएसपी सुप्रीमो कुमारी मायावती और इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला असंध की नई अनाज मंडी में जनसभा को संबोधित करेंगे।
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यह रैली गठबंधन के लिए बेहद अहम है, जिसमें मायावती और आकाश आनंद एससी वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे, वहीं जाट समाज को इनेलो नेता अभय चौटाला और ओपी चौटाला अपने पक्ष में लाने का प्रयास करेंगे।
गोपाल राणा: बीएसपी-इनेलो के संयुक्त उम्मीदवार
गोपाल राणा इस बार बीएसपी-इनेलो गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हैं। वे 2019 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके नरेंद्र राणा के बेटे हैं, जिन्होंने कांग्रेस के शमशेर गोगी से मामूली अंतर से हार का सामना किया था। इस बार उनके बेटे गोपाल राणा को मैदान में उतारा गया है, और उम्मीद की जा रही है कि वे अपने पिता की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। गोपाल राणा के पास कोई खास राजनीतिक अनुभव नहीं है, लेकिन उन्हें अपने पिता की छवि का लाभ मिल सकता है।
जातीय समीकरण: दो राजपूत चेहरे आमने-सामने
असंध विधानसभा में जातीय समीकरण काफी दिलचस्प हैं। भाजपा ने राजपूत समाज से योगेंद्र राणा को मैदान में उतारा है, जबकि बीएसपी-इनेलो ने गोपाल राणा को प्रत्याशी बनाया है, जो राजपूत समाज से हैं। यहां करीब 17 हजार राजपूत वोटर हैं, जिनका झुकाव चुनाव का नतीजा तय कर सकता है।
जाट और एससी वोटर पर गठबंधन की नजर
असंध विधानसभा में 25 हजार से ज्यादा जाट वोटर और 55 हजार से ज्यादा एससी वोटर हैं, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। मायावती और आकाश आनंद एससी वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे, जबकि जाट वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए ओपी चौटाला और अभय चौटाला मैदान में उतर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन इन वोटरों को कितना प्रभावित कर पाता है।
नतीजों पर नजर: रैली से क्या बदलेगा समीकरण?
असंध में होने वाली इस बड़ी रैली से गठबंधन को कितनी मजबूती मिलेगी, यह 8 अक्तूबर को चुनाव परिणामों से स्पष्ट होगा। मायावती और चौटाला की यह संयुक्त सभा वोटरों के बीच कितना प्रभाव छोड़ती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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