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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना ‘चूहों’ से की और भारतीय जनता पार्टी व आरएसएस पर चुनावी फायदे के लिए राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया। साहिबगंज जिले के भोगनाडीह में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सोरेन ने दावा किया कि भाजपा हिंदू और मुस्लिम समुदाय में द्वेष के बीज बो रही है। उन्होंने विशेष तौर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा के इसमें शामिल होने का दावा किया।
रांची से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भोगनाडीह जनसभा को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा, ‘आरएसएस चूहों की तरह राज्य में घुसपैठ कर इसे बर्बाद कर रहा है। जब आप उन्हें गांवों में हंडिया और दारू के साथ दाखिल होते देखें तो उनका पीछा कर खदेड़ दें… वे चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक अशांति और तनाव पैदा करना चाहते हैं।’
सोरेन ने आरोप लगाया कि भाजपा समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा देने पर आमादा है। इसके साथ ही उन्होंने मंदिरों और मस्जिदों में मांस फेंकने जैसी भड़काऊ घटनाओं में वृद्धि की आशंका जताई।
उन्होंने कहा, ‘हिंदू, मुस्लिम सिख, ईसाई की बातें अब शुरू होगी। गांव-गांव में ये यही सब करेंगे। कई मन्दिर-मस्जिदों में ये असामाजिक तत्वों के जरिए साजिश रचने की कोशिश करेंगे। याद रखियेगा जो लोग इस तरह का कार्य करेगा, उन लोगों को पकड़कर रखियेगा और पुलिस के हवाले कर दीजियेगा। किसी से डरने की जरूरत नहीं है।’
‘झारखंड के कुछ नेताओं को भाजपा ने खरीदा’
सोरेन ने भाजपा को कारोबारियों और उद्योगपतियों की पार्टी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखण्ड के कुछ नेताओं को भाजपा ने खरीद लिया है। इनका काम ही है नेताओं को खरीदों और उनका दुरुप्रयोग करो। उनका स्पष्ट संदर्भ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन द्वारा हाल में भाजपा में शामिल होने को लेकर था। चंपई ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर सम्मान नहीं देने और अपमानित करने का आरोप लगाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था।
‘व्यापारी हमें फेंककर यहां आ जाएंगे’
सीएम ने कहा, ‘झारखण्ड वीरों का राज्य है। हमलोग जब तक लड़ते हैं, तब तक जीवित रहते हैं। अगर हम ऐसी लड़ाई नहीं लड़ेंगे तो जिस तरह से अंग्रेजों ने हमको अलग-अलग क्षेत्रों में बांट दिया, उसी तरह ये व्यापारी लोग हमें फेंक कर आ जाएंगे। इसलिए इन पूंजीपतियों को झारखण्ड में खड़ा नहीं होने देना है। यह झारखण्ड, यहां के मूलवासियों-आदिवासियों का है। यहां का जल, जंगल हमारा है और आने वाले समय में अपना हक-अधिकार लड़कर हमें अपने घर-घर तक लेकर आना है। इस संकल्प के साथ हमें इस चुनाव को अंजाम तक पहुंचाना है।’
‘केंद्र के आंकड़ों को देखने की बात कही’
मुख्यमंत्री ने झारखंड की जनसांख्यिकी में बदलाव के भाजपा के आरोपों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने आलोचकों को सलाह दी कि उन्हें पड़ोसी पश्चिम बंगाल की जनसांख्यिकी को देखना चाहिए। सोरेन ने असम के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए झारखंड में उनकी ऐसे समय उपस्थिति पर सवाल उठाया जब उनके अपने राज्य में आदिवासी कई अत्याचारों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘वे जनसांख्यिकी बदलाव और बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात कर रहे हैं। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि वे केंद्र के आंकड़ों को देखें कि किस जिले और किस राज्य में यह बदला है। वे ऐसे स्थान को देखना नहीं चाहते जहां पर लोग शांति और सौहार्द्र से रहते हैं। वे अपनी राजनीतिक योजना बनाते हैं और भड़काने की साजिश रचते हैं। आपको उनकी पहचान करने की जरूरत है और उन्हें उनकी औकात दिखाने की जरूरत है।’
जनता के कल्याण के लिए झामुमो सरकार द्वारा किए गए विभिन्न विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए सोरेन ने कहा कि ‘पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने राज्य में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को केवल 600 करोड़ रुपए दिए थे। जबकि इस सरकार ने बैंक क्रेटिड लिंकेज के जरिए चार साल में 10 हजार करोड़ रुपए दिए ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकें।’
सोरेन ने कहा, ‘आपका आशीर्वाद हमें हमारे विरोधियों से लड़ने की ताकत देता है। भाजपा ने हमारे कार्यों को बाधित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। हाल में भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री इस राज्य में आए हैं। असम के मुख्यमंत्री झारखंड में हैं। उन्होंने असम में झारखण्ड के आदिवासियों को जनजाति का दर्जा नहीं दिया।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे आदिवासी भाई-बहनों को वहां उनका अधिकार नहीं दिया जा रहा है। उन्हें भूखे मरने के लिए छोड़ दिया गया है। आप बताएं, झारखंड के आदिवासी परिवारों को क्यों उनका अधिकार नहीं दिया जा रहा है? क्यों हमें आदिवासी धार्मिक संहिता नहीं दिया जा रहा?’
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