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ग्वालियर के एमिटी यूनिवर्सिटी के एक छात्र की डेंगू से मौत हो गई। आरोप है कि डेंगू होने के बाद फार्मेसी का छात्र विश्वविद्यालय से छुट्टी मांगता रहा, लेकिन यूनिवर्सिटी ने उसे छुट्टी नहीं दी। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया।
ग्वालियर के एमिटी यूनिवर्सिटी के एक छात्र की डेंगू से मौत हो गई। आरोप है कि डेंगू होने के बाद फार्मेसी का छात्र विश्वविद्यालय से छुट्टी मांगता रहा, लेकिन यूनिवर्सिटी ने उसे छुट्टी नहीं दी। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया।
ग्वालियर की एमिटी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बी फार्मा का छात्र आदित्य सिंह राजपूत की डेंगू से मौत के बाद विश्वविद्यालय में हंगामा हो रहा है। छात्र गुस्से में है और आरोप लगा रहे हैं कि उनके साथ पढ़ने वाला आदित्य जिंदगी जीने के लिए छुट्टी मांगता रहा, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने डेंगू होने के बावजूद उसे छुट्टी नहीं दी।
आदित्य के दोस्तों ने बताया कि बिलासपुर का रहने वाला छात्र आदित्य सिंह राजपूत ग्वालियर की एमिटी यूनिवर्सिटी में फार्मेसी फाइनल ईयर का स्टूडेंट था। वह शहर के दीनदयाल नगर में किराए पर रहता था। वह पिछले 6 दिन से बीमार था। अटेंडेंस शॉर्ट ना हो जाए, इस डर से वह लगातार कॉलेज आता रहा। उसने कॉलेज प्रशासन से इलाज करने के लिए छुट्टी भी मांगी, लेकिन यूनिवर्सिटी ने छुट्टी देने से इनकार कर दिया।
छात्र की मौत को लेकर एमिटी विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से पल्ला झाड़ रहा है। प्रो वाइस चांसलर वीके शर्मा का कहना है कि छात्र आदित्य सिंह राजपूत ने कभी नहीं बताया कि वह बीमार था। वह लगातार कॉलेज आता रहा। वह अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने भी गया था।
एमिटी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला बी फार्मा का छात्र आदित्य सिंह की मौत के बाद सभी छात्र विरोध में उतर आए हैं। छात्र यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हंगामा कर रहे छात्रों का यह भी कहना है कि एक्सीडेंट होने, बीमार होने या घर में किसी का निधन हो जाए तो भी विश्वविद्यालय छुट्टी नहीं देता और अटेंडेंस शॉर्ट कर देता है। इस वजह से वह परीक्षा देने से वंचित हो जाते हैं और उन्हें फिर से मोटी रकम चुकानी पड़ती है।
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