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जेएमएम ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि दिसंबर में विधानसभा चुनाव कराएं ताकि सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सके।
झारखंड विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग की टीम आज से अगले दो दिनों तक चुनाव की परिस्थितियों का जायजा लेगी। इस दौरान टीम पांच मैराथन बैठक भी करेगी। आज राजनीति दलों के साथ बैठक भी कर रही है। इसी बीच जेएमएम की ओर से एक पत्र मुख्य चुनाव आयुक्त के न
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पार्टी के स्टार प्रचारकों को भी मिले समय पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पांचवीं विधानसभा के चुनाव के बाद नई सरकार का गठन 29 दिसंबर 2019 को किया गया था। ऐसे में छठे विधानसभा के लिए मतदान दिसंबर के पहले सप्ताह में हो तो सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सकेगी।
वहीं आग्रह किया गया है कि सभी राजनैतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए एक समान अवसर मिले। पार्टी के आयोग से आग्रह किया है कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि विरोधी पार्टियों मिले फ्लाइंग जोन और समय की वजह से पार्टी के स्टार प्रचारकों के फ्लाइंग जोन और समय मिलने में दिक्कत न हो। वहीं कहा गया है कि चुनाव प्रचार के लिए ग्राउंड की उपलब्धता भी हो।
जरूरत पड़े तभी चुनाव में उतारें अर्धसैनिक बल आयोग के नाम भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि राज्य में चुनाव के दौरान आवश्यकता पड़ने पर ही अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाए। इसके पीछे पार्टी ने तर्क दिया है कि राज्य में झारखंड जगुआर, झारखंड सशस्त्र पुलिस (जैप) और जिला बल के जवान हैं। वहीं ये सारे पूरी तरह से प्रशिक्षित भी हैं।
पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान सभाओं में जाति-धर्म के नाम पर भाषण देने पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं भाजपा को लेकर शिकायत भी की है कि बीजेपी के केंद्रीय स्तर के नेता अगस्त महीने से ही अलग-अलग जगहों पर सभा कर रहे हैं, जहां वे धर्म और जाति का जिक्र कर रहे हैं। ऐसा करने से धार्मिक और सांस्कृतिक विभाजन की स्थिति पैदा हो गई है।
जानें क्या है दूसरी पार्टियों की मांग
भाजपा की प्रमुख मांगें
- गृह सचिव वंदना दादेल को चुनाव कार्य से अलग किया जाए।
- बांग्लादेशी घुसपैठियों का पहचान पत्र रद्द किया जाए।
- त्योहारों को ध्यान में रखते हुए मतदान की तिथि घोषित की जाए।
- कम से कम चरणों में मतदान हो।
कांग्रेस की प्रमुख मांगें
- अफवाह फैलाने वाले भाजपा नेताओं को झारखंड में आने से रोका जाए।
- 15 नवंबर के बाद चुनाव कराए जाएं।
- त्योहारों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तिथि की घोषणा की जाए।
- कम से कम चरणों में मतदान हो।
आजसू की प्रमुख मांगें
- चुनाव तय तिथि पर ही कराए जाएं।
- निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से कई चरणों में चुनाव कराए जाएं।
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