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प्रदेश में सोलर एनर्जी के माध्यम से सस्ती बिजली उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए जैसलमेर के भैसाड़ा गांव में एनटीपीसी रिन्यूबल एनर्जी लि. की 160 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना का लोकार्पण किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए राजस्थान डिस्कॉम्स और सोलर एनर्जी कॉर्
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इसके अलावा पहले से ही स्थापित 570 मेगावाट की सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को मिलाकर यह क्षमता अब 730 मेगावाट हो जाएगी। इन परियोजनाओं से प्रदेश को 2 रूपए 8 पैसे से 2 रूपए 30 पैसे प्रति यूनिट की आसान और सस्ती दर से बिजली मिलेगी। यह दर एनर्जी एक्सचेंज से वर्तमान में की जा रही खरीद की औसत 4 रूपए 76 पैसे प्रति यूनिट की दर से बहुत कम है।
किसानों को दिन में बिजली मिलेगी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को बिड़ला सभागार से ऊर्जा विभाग के 7,167 करोड़ रूपए से अधिक के विकास कार्य का लोकार्पण और शिलान्यास किया था। इनमें 1863 करोड़ के कार्य प्रसारण क्षेत्र में हैं और शेष डिस्कॉम्स के हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कुसुम कंपोनेंट-सी योजना के अन्तर्गत एक साथ 608 सोलर प्लांटों का शिलान्यास किया। इन प्लांटों के जरिए 5 हजार 254 करोड़ रूपए का निवेश होगा और 1501 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को बिड़ला सभागार से ऊर्जा विभाग के 7,167 करोड़ रूपए से अधिक के विकास कार्य का लोकार्पण और शिलान्यास किया
जीएसएस का लोकार्पण और शिलान्यास मुख्यमंत्री ने इस समारोह में 33/11 केवी के 2 सब स्टेशन, 132 केवी के 14 तथा 220 केवी के 11 जीएसएस का शिलान्यास किया और 33/11 केवी के 19 सब स्टेशन, 132 केवी के 8 जीएसएस, झालरापाटन और चौमहला (झालावाड़) में नए सहायक अभियंता कार्यालयों का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कुसुम कंपोनेंट-सी योजना के अन्तर्गत एक साथ 608 सोलर प्लांटों का शिलान्यास किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा आलोक ने बताया- पीएम कुसुम योजना के माध्यम से करीब 2 हजार नए उद्यमी सौर ऊर्जा उत्पादन से जुड़ सकेंगे और आने वाले समय में उद्यमिता की इस अलख से प्रदेश में हर गांव-ढ़ाणी रोशन होगी। उन्होंने बताया कि परिवर्तित बजट में साल 2027 तक किसानों को सिंचाई के लिए दिन में बिजली देने का संकल्प व्यक्त किया गया। इस संकल्प की प्राप्ति की दिशा में यह विकेन्द्रित सोलर प्लांट मील का पत्थर साबित होंगे। इनमें जयपुर विद्युत वितरण निगम क्षेत्र में 266 मेगावाट के 118, अजमेर विद्युत वितरण निगम क्षेत्र में 221 मेगावाट के 103 तथा जोधपुर विद्युत वितरण निगम क्षेत्र में 1014 मेगावाट के 387 सोलर प्लांट हैं। निगमों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी ऊर्जा सचिव आलोक ने बताया कि इन सौर ऊर्जा संयंत्रों से मिलने वाली न्यूनतम प्रसारण छीजत की बिजली से विद्युत वितरण निगमों को अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर करने में मदद मिलेगी। योजना में भारत सरकार की ओर से सोलर प्लांट की लागत के अधिकतम 30 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है जिससे फीडर लेवल सोलराइजेशन को गति मिल रही है। कृषि उपभोक्ताओं की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए डिस्कॉम्स के सब स्टेशन के पास ग्रिड से जुड़े सौर बिजली संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
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