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झारखंड के मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने राज्य में कथित घुसपैठ के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि झारखंड हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है। सरकार ने कोर्ट में पक्ष रखा है। न्यायालय ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का संकेत दिया है। मुख्य सचिव ने गृह मंत्रालय से यह आग्रह किया है कि घुसपैठ एक अंतरराज्यीय मामला है और झारखंड के मामले में कथित घुसपैठ पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के रास्ते ही संभव है। ऐसे में इस मामले में दोनों राज्यों के बीच एक प्रभावी समन्वय की जरूरत है।
मुख्य सचिव ने पत्र में यह भी कहा है कि घुसपैठ से सिर्फ झारखंड ही प्रभावित नहीं है, बल्कि इससे ज्यादा प्रभाव पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय जैसे राज्यों में है। इस मुद्दे की प्रकृति पर राष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीरता से विचार की जरूरत है क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों से जुड़ा है। मुख्य सचिव ने संघीय ढांचे का हवाला देते हुए लिखा है कि यह विषय राष्ट्रीय सुरक्षा, केंद्र-राज्य, अंतर राज्य संबंध से जुड़ा है, जिसकी जिम्मेदारी मूल रूप से केंद्रीय गृह मंत्रालय की है। राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी को बेहतर समन्वय के साथ निभाने के लिए केंद्रीय एजेंसियां, इंटेलिजेंस ब्यूरो, बीएसएफ जिम्मेदार हैं। अत वर्तमान परिपेक्ष्य में यह जरूरी है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर इस समस्या का हल निकाला जा सके।
पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए राज्य सरकार सभी संबंधित पक्षों और अपनी एजेंसियों के साथ आवश्यक बैठकें आयोजित करेगी। ऐसे परामर्शों के बाद ही राज्य सरकार उचित प्रस्तुतीकरण के साथ कोर्ट जा सकती है। बता दें कि झारखंड में कथित बांग्लादेशी घुसपैठ इन दिनों सियासी मुद्दा बना हुआ है।
बांग्लादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफी में बदलाव बना राजनीतिक मुद्दा
झारखंड में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होगा। भाजपा ने संताल में बांग्लादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफी में बदलाव को सियासी मुद्दा बनाया है। भाजपा क्षेत्र में आदिवासियों की घटती आबादी पर भी मुखर है और राज्य सरकार पर हमलावर है। पीएम मोदी ने भी जमशेदपुर में अपनी चुनावी सभा के दौरान इन मुद्दों पर झामुमो, कांग्रेस और राजद को जमघर घेरा। दूसरी ओर सत्तासीन झामुमो, कांग्रेस और राजद घुसपैठ के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को कठघरे में खड़ा किया है।
केंद्र सरकार ने कोर्ट में दाखिल किया है शपथपत्र
केंद्र सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठ और आदिवासियों के धर्मांतरण से जुड़े मामले में 12 सितंबर को हाईकोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर जानकारी दी है कि संताल में घुसपैठ से डेमोग्राफी बदल गई है। आदिवासियों की संख्या घटी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की अदालत ने 17 सितंबर को सुनवाई की तिथि तय की। बता दें कि दानियल दानिश ने संताल में बांग्लेदशी घुसपैठ को लेकर याचिका दाखिल की है।
शपथ पत्र की मुख्य बातें
● केंद्र के पास घुसपैठियों को वापस भेजने की क्षमता, पर एनआरसी लागू करना जरूरी
● संताल परगना में आदिवासियों की आबादी 44 फीसदी से घटकर 28 फीसदी रह गई है
● धर्मांतरण और पलायन से भी घटी आबादी, राज्य सरकार ही एसपीटी एक्ट का कर रही उल्लंघन
● गिफ्ट डीड की जमीन का हुआ हस्तांतरण, साहिबगंज-पाकुड़ में मदरसों की संख्या बढ़ी
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