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Delhi Dengue Cases: दिल्ली में बीते तीन दिन में डेंगू से दूसरी मौत का मामला सामने आया है। ताजा मामले में 10 सितंबर से सफदरजंग अस्पताल में भर्ती डेंगू से पीड़ित 32 वर्षीय मरीज की मौत हो गई। इससे पहले बीते सप्ताह लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में 54 वर्षीय मरीज की मौत हुई थी।
राजधानी में बीते तीन दिन में डेंगू से दूसरी मौत का मामला सामने आया है। ताजा मामले में 10 सितंबर से सफदरजंग अस्पताल में भर्ती डेंगू से पीड़ित 32 वर्षीय मरीज की मौत हो गई। इससे पहले बीते सप्ताह लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में 54 वर्षीय मरीज की मौत हुई थी। हालत यह है कि इस साल दिल्ली में डेंगू के 650 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
सफदरजंग अस्पताल के मुताबिक, मरीज डेंगू हेमरेजिक फीवर (डेंगू की गंभीर स्थिति) से पीड़ित था। उसका इलाज शुरू किया गया, लेकिन हालत पहले से ही गंभीर होने के कारण परेशानी और बढ़ती चली गई। वह मल्टीपल ऑर्गन डिफ्यूजन सिंड्रोम की स्थिति में पहुंच गया। इसके बाद उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसी स्थिति मरीज के लिए खतरनाक हो जाती है और इसमें उसके बचने की संभावना बेहद कम हो जाती है।
24 घंटे में 13 संदिग्ध मरीज भर्ती सफदरजंग अस्पताल में पिछले 24 घंटे में डेंगू के 13 संदिग्ध मरीज भर्ती हुए हैं। इससे पहले डेंगू से पीड़ित 15 मरीजों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। एक जुलाई से अब तक अस्पताल में डेंगू के 74 मरीज भर्ती हुए हैं। वहीं, लोकनायक अस्पताल समेत दिल्ली के अन्य अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं।
बारिश के बाद नमी बढ़ने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ा
कई दिनों तक लगातार हुई बारिश के बाद कॉलोनियों और पार्कों में जलभराव हो गया है। नमी बढ़ने से मच्छरों का प्रकोप और डेंगू के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
ये सावधानियां बरतें
● सुबह-शाम की सैर पर पार्कों में या हरित क्षेत्र में जाने वाले को ज्यादा सचेत रहने की जरूरत
● पार्कों में खेलने जाने वाले बच्चों की भी ज्यादा देखभाल की जाए
● सैर के दौरान पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। बच्चों को भी हाफ पैंट न पहनाएं
● घरों में कूलर और एसी का पानी जमा न होने दें।
● बालकनी या घरों के अंदर रखे गमलों में नमी बढ़ने से भी मच्छर पनप सकते हैं। उनमें भी कीटनाशक का छिड़काव करें
● टूटे-फूटे बर्तन और कबाड़ में पानी एकत्र न होने दें।
जैसा कि सीनियर फिजिशियन डॉ. मदन मोहन ने बताया
ये हैं लक्षण
● पेट में तेज दर्द
● बुखार होना
● उलटी होना
● सांस लेने में कठिनाई
● नाक, मसूड़ों, उलटी या मल में खून आना
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