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पाली शहर के निकट स्थित हेमावास बांध एक बार फिर ओवरफ्लो हुआ है। ऐसे किसान खुश है। आखिर उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी जो मिलेगा। इसके साथ ही पालीवासी भी खुश है। जवाई बांध में साल भर मिलने योग्य पानी आ गया है और हेमावास बांध भी फुल हो हुआ है। ऐसे म
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हेमावास बांध का पानी रपट पर चलते हुए।
हेमावास बांध का गजे शनिवार शाम को।
बता दे कि पाली शहर के निकट स्थित हेमावास बांध की भराव क्षमता 28 फीट है। इसमें 2006.69 MCFT पानी स्टोर होता है। जवाई बांध के बाद पालीवासियों के लिए हेमावास प्रमुख बांध है। इसके पानी से पाली शहर सहित आस-पास के रामासिया, हेमावास, मंडली, मंडिया गिरादड़ा, गुलाबपुरा, रूपावास, मूलियवास, राऊबा की ढाणी, काणदरा, गुरलाई सहित करीब 14 गांवों में सिंचाई के लिए किसानों को पानी उपलब्ध करवाया जाता है। साथ ही पेयजल के लिए भी इस बांध में 500-600 MCFT (मिलियन क्यूबिक फीट) पानी रिर्जव रखा जाता है। बता दे कि हेमावास बांध गत वर्ष भी ओवरफ्लो हुआ था।
किसान नेता बोले अब तक 15 बार हुआ ओवरफ्लो किसान नेता गिरधारीसिंह मंडली ने कहा कि हेमावास बांध ओवरफ्लो होने से किसानों के लिए खुशी की बात है। इस बांध से 14 गांवों में सिंचाई के लिए पानी जाता है। साथ ही पेयजल के लिए भी कुछ पानी रिर्जव रखा जाता है। वर्ष 1980 से 2024 तक हेमावास बांध 15 बार ओवरफ्लो हुआ।
हेमावास बांध एक नजर भराव क्षमता 28 फीट (2006.69 MCFT (मिलियन क्यूबिक फीट) बांध का फैलाव – 7.8 KM निर्माण – (जोधपुर के महाराजा सुमेरसिंह ने वर्ष-1906 से 1911) लागत – 2.94 लाख रुपए सिंचाई – 14 गांव (पाली, रामासिया, हेमावास, मंडली, मंडिया गिरादड़ा, गुलाबपुरा, रूपावास, मूलियवास, राऊबा की ढाणी, काणदरा, गुरलाई) पेयजल रिजर्व (500-600 MCFT) यहां से आता है पानी – जोजावर-देसूरी क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियों से पानी खैरवा, सुमेर नदी के जरिए हेमावास बांध में आता है।
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