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मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में साइबर ठगी की वारदात दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पिछले छह महीने के अंदर साइबर ठगी की 20 हजार वारदात हुई। इसमें साइबर ठगों ने करीब 285 करोड़ रुपये ठग लिए। गुरुग्राम पुलिस ने इनमें से करीब 16 हजार मामलों को सुलझाने का दावा किया है, लेकिन अभी तक सिर्फ करीब 45 करोड़ रुपये की राशि को ही वसूल किया जा सका है। पुलिस ने ठगी के 597 मामलों को दर्ज किया है। अब तक 788 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
यदि साल 2021 की बात करें तो साइबर ठगी के करीब 11 हजार मामले पुलिस के समक्ष आए थे, जिसमें सभी मामलों को सुलझा लिया गया था। इस दौरान करीब 6.82 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी, जिसमें से 6.49 करोड़ रुपये वसूल किए जा चुके हैं। 131 साइबर ठगों को इस दौरान पकड़ा गया था। साल 2022 में करीब 18 हजार लोगों को साइबर ठगों ने अपना निशाना बनाया था। इनसे करीब 109 करोड़ रुपये ठगे गए थे। पुलिस ने इन मामलों में 335 ठगों को पकड़ा है। सभी वारदातों को सुलझाया जा चुका है, लेकिन सिर्फ 4.79 करोड़ रुपये की राशि इन ठगों से वसूली गई है।
साल 2023 में ठगी की वारदात साल 2022 की अपेक्षा दोगुनी हो गई। इन साइबर ठगों ने इस साल करीब 33 हजार लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया। हालांकि, पुलिस ने ठगी के इन सभी मामलों को सुलझा लिया।
डिजिटल अरेस्ट के जरिये 121 लोगों से ठगी : साइबर ठगों ने गुरुग्राम के 121 लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके करीब दो करोड़ रुपये की ठगी की। जालसाजों ने खुद को दिल्ली, मुंबई और सीबीआई का अधिकारी बताकर ठगी की।
अधिक कमाई के चक्कर में सवा छह लाख रुपये गंवाए
मूलरूप से जींद के नरवाना के गांव बेलरखा निवासी शैलेंद्र फिलहाल सुशांत लोक दो के एच ब्लॉक में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि एक जून को उनके पास वॉट्सऐप के माध्यम से मैसेज आया, जिसमें विज्ञापन को स्टार रेटिंग देने के नाम पर कमाई करने की बात कही गई थी। उसके रुचि दिखाने के बाद उसे टेलीग्राम पर ग्रुप जॉइन करवाया गया। विज्ञापन को स्टार रेटिंग देकर कमाई गई राशि को लेने के लिए उससे 1 जून से लेकर 3 जून तक उसने 11 खातों में 6.29 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। युवक को बाद में ठगी का अहसास हुआ। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
सहायक उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रियांशु दीवान ने कहा, ”सावधानी बरतकर साइबर ठगों से बचा जा सकता है। यदि किसी का अधिक कमाई का लालच देने के लिए कॉल आता है तो उसे नजरअंदाज किया जाए। किसी के साथ अपने बैंक खातों, एटीएम या क्रेडिट कार्ड की जानकारी को साझा नहीं करें। कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में डरने की आवश्यकता नहीं है। इस तरह की कॉल आने पर पुलिस से संपर्क किया जाना चाहिए।”
ये सावधानी बरतें
● अगर कोई अनजान व्यक्ति पार्सल में ड्रग्स होने की बात कहे तो पुलिस से संपर्क करें।
● अगर कोई अनजान व्यक्ति किसी ग्रुप पर जोड़ता है तो उससे इसका कारण पूछे।
● कम समय में कोई अगर भारी मुनाफा होने का झांसा दे तो सतर्क हो जाएं।
24 घंटे में शिकायत की तो रकम वापसी की उम्मीद
पुलिस के अनुसार साइबर ठगी की शिकायत साइबर सेल के टोल फ्री नंबर 1930 और 155260 पर कॉल कर की जा सकती है। ठगी की शिकायत 24 घंटे में करने पर रकम वापसी की उम्मीद रहती है। पुलिस रकम को फ्रीज कराकर कानूनी प्रक्रिया के तहत रकम वापस कराती है।
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