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संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास विचाराधीन वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर मुसलमानों को भड़काने की भरसक कोशिशें की जा रही हैं। एक तरफ जहां कट्टरवादी इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक जैसे लोग इसके खिलाफ प्रचार कर रहे हैं तो दूसरी तरफ लाउडस्पीकर के जरिए गली-गली इसके विरोध की अपील की जा रही है। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें यह भी कहा जा रहा है कि इस बिल के जरिए मुसलमानों से मस्जिद, मदरसा और क्रबिस्तानों को छीन लिया जाएगा। जेपीसी सदस्य और भाजपा के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने इस दावे को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा कि वह बिल को 100 बार पढ़ चुके हैं और इसमें ऐसा कुछ नहीं है।
क्या है वायरल वीडियो में
सोशल मीडिया पर एक मिनट का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें एक मुस्लिम शख्स कंधे पर साउंडबॉक्स रखे हुए है तो दूसरा माइक से वक्फ बोर्ड बिल को लेकर कई तरह के दावे कर रहा है। एक बाजार से गुजरते हुए लगातार कई दावे किए जा रहे हैं। इसमें कहा जाता है, ‘वक्फ संसोधन बिल 2024 संसद में पेश किया गया है। यह पास नहीं हो पाया है। इसे जेपीसी के पास भेजा गया है और जेपीसी ने इस पर राय मांगी है। तमाम हजरात से, भाइयों-बहनों से गुजारिश है कि सब अपनी अपनी राय पेश करें। घर का कोई मोबाइल खाली ना रहे। बच्चे-बच्चे के पास मोबाइल है। अपने फोन के जरिए से इस बिल के खिलाफ राय पेश करें। याद रखें कि यदि बिल पास हो गया तो हमारी मस्जिदें छिन जाएंगी, मजारें छिन जाएंगी, कब्रिस्तान छिन जाएंगे। वक्फ बोर्ड की लाखों की तादात में जो प्रॉपर्टी है सब छिन जाएंगी। 13 तारीख तक का वक्त है। ईमेल के जरिए से जेपीसी को अपनी राय पेश करें।’
वीडियो पर जेपीसी मेंबर का जवाब
तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो को साझा करते हुए जेपीसी सदस्य निशिकांत दुबे ने इन दावों को खारिज करने की कि वक्फ संशोधन बिल से मुसलमानों से मस्जिदें और मजारें छीन ली जाएंगी। उन्होंने वीडियो को मन विचलित करने वाला बताते हुए कहा, ‘वक्फ संशोधन विधेयक संसद की संयुक्त समिति के पास विचाराधीन है। मैं खुद इसका सदस्य हूं, यह वीडियो देखकर मन विचलित है। पूरे बिल को कम से कम 100 बार पढ़ चुका, इस बिल की कौन सी धारा में मस्जिद, कब्रिस्तान, दरगाह, मदरसा पर सरकार कब्जा करने का कानून ला रही है?’
उन्होंने आगे कहा, ‘झूठ की बुनियाद,वोट बैंक की राजनीति और मोदी विरोध की अंधी राजनीति ने देश के एक वर्ग विशेष के मन में लगातार नफरत पैदा करने की कोशिश की है। काश वक्फ जिसकी बुनियाद पैगंबर मोहम्मद साहब ने गरीबों के लिए रखी, वक्फ की पहली कमिटी गैर मुस्लिम ने बनाई, उनके आदेश पर मुस्लिम समाज गरीब मुसलमानों के हित में सोचकर कमिटी को बताता।’
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